जो व्यापारी दूसरे राज्यों को अपने सामान की आपूर्ति करते हैं, उन्हें भी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अंतर्गत पंजीकरण कराना होगा, चाहे उनका कारोबार 20 लाख रुपये से कम हो। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने गुरुवार को यह बात कही। आधिया ने कहा, "एक व्यापारी को जीएसटी से छूट तभी मिलेगी, जब उसका कारोबार वित्तवर्ष में 20 लाख रुपये से कम हो, लेकिन यह छूट अंतर्राज्यीय आपूर्ति वालों को नहीं मिलेगी।"उन्होंने यह बात व्यापारियों, कर व्यवसायियों और केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड और राज्य सरकारों के सभी अधिकारियों के लिए आयोजित 'जीएसटी-की-मास्टरक्लास' में कही।
उन्होंने कहा, "20 लाख रुपये से कम कारोबार करने वालों को पंजीकरण में छूट केवल राज्य के अंदर कारोबार करनेवाले व्यापारियों के लिए है।"अधिया ने कहा कि जिन व्यापारियों का कारोबार 20 लाख रुपये से कम है और राज्य के अंदर ही सामानों और सेवाओं की आपूर्ति कर रहे हैं, वे भी इनपुट टैक्स का फायदा उठाने के लिए स्वैच्छिक पंजीकरण कर सकते हैं।उन्होंने कहा, "लेकिन एक बार पंजीकृत होने पर, व्यापारियों को सभी आपूर्ति पर करों का भुगतान करना होगा, भले ही कारोबार 20 लाख रुपये से कम हो।"राजस्व सचिव ने कहा कि यहां तक कि अगर किसी महीने में कोई लेन-देन नहीं हुआ, तो भी पंजीकरण के बाद रिटर्न दाखिल करना ही होगा।