तमिलनाडु के पटाखा कारखानों द्वारा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत उन पर लगाए गए 28 फीसदी कर के खिलाफ आहूत हड़ताल लगातार पांचवें दिन मंगलवार को भी जारी रही। पटाखा कारखानों के संघ के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।तमिलनाडु फायरवर्क्स एमोर्सेज मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (टीएएनएफएएमए) के महासचिव के. मरियप्पन ने आईएएनएस से कहा, "आज (मंगलवार) तमिलनाडु में पटाखा कारखाने लगातार पांचवें दिन भी बंद रहे। राज्य और केंद्रीय मंत्रियों द्वारा इनपुट टैक्स क्रेडिट को लेकर किए गए दावे सही नहीं हैं।"उन्होंने कहा कि जीएसटी के तहत यदि पटाखा कारोबार पर लगाए गए 28 फीसदी कर को वापस नहीं लिया गया तो तमिलनाडु सरकार को राज्य का सारा पटाखा कारोबार अपने हाथ में ले लेना चाहिए।
मरियप्पन ने कहा कि पटाखा निर्माताओं के तीनों संघ, लॉरी ट्रांसपोर्ट और पटाखा डीलरों के संघों ने विरुधुनगर के जिलाधिकारी से मुलाकात की और अपनी मांगों के समर्थन में ज्ञापन सौंपे।मरियप्पन के अनुसार, सरकार ने 51 बड़े पटाखा कारखानों द्वारा दिए जाने वाले 27 फीसदी कर को ध्यान में रखा, जबकि पूरा पटाखा उद्योग औसतन 14.5 फीसदी कर ही देता रहा है।उन्होंने कहा, "मंत्रियों का यह दावा कि आठ से 15 फीसदी का इनपुट टैक्स क्रेडिट पटाखा निर्माताओं के लिए उपलब्ध है, पूरी तरह गलत है। हमने सरकार को अपना ज्ञापन सौंप दिया है, जिसमें बताया गया है कि पटाखा कारखानों को सिर्फ चार फीसदी का इनपुट कर क्रेडिट ही दिए जाने का प्रावधान रखा गया है।"