अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग ने उम्मीद जताई कि आने वाले वर्षो में उनके देश द्विपक्षीय संबंध मजबूत बनाने में सक्षम होंगे, जिनमें वर्तमान में मतभेद वाले मुद्दे जैसे व्यापार, अन्वेषण और मानवाधिकार शामिल हैं। समाचार एजेंसी एफे न्यूज के अनुसार, पेरू की राजधानी लिमा में आयोजित एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) मंच के शिखर सम्मेलन के इतर शनिवार को ओबामा और शी के बीच मुलाकात हुई।अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीधे तौर पर उल्लेख करने से बचते हुए शी ने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध एक ठहराव की स्थिति में है, लेकिन उन्होंने निर्बाध बदलाव की उम्मीद जताई।ओबामा ने कहा कि अमेरिका-चीन संबंध दुनिया में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है और इसलिए नहीं कि दोनों देशों बीच एक रचनात्मक संबंध से केवल उनके सापेक्षिक लोग लाभ उठाने को खड़े हैं।
चीनी समकक्ष के साथ उनकी नौवीं मुलाकात का स्मरण करते हुए ओबामा ने कहा कि वह उन मुद्दों पर एक गंभीर वार्ता की उम्मीद कर रहे हैं, जिन पर वे अब भी असहमत हैं।उन्होंने कहा कि विगत कुछ वर्षो में दोनों देशों ने विकास, ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने, इबोला की महामारी और जलवयायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के मामले में एक प्रभावी भागीदारी स्थापित की है।उत्तरी अमेरिकी नेता ने पेरिस समझौता के आलोक में एक दीर्घजीवी मॉडल की ओर बढ़ने और उत्तर कोरियाई के उसकावे के खिलाफ अमेरिका और चीन को दृढ़तापूर्वक खड़े होने समेत दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के समक्ष आगे की जिम्मेवारियों को रेखांकित किया।