पूर्व कैबिनेट मंत्री व पूर्व विधायक डा. हरबंस लाल ने पंजाब कांगे्रस उपाध्यक्ष व कपूरथला से विधायक राणा गुरजीत को उनके द्वारा जगमीत बराड़ की बाजू पर कथित निशान संबंधी लगाए आरोपों का जोरदार जवाब दिया है।यहां जारी बयान में दो अन्य पूर्व विधायकों तरसेम जोधां व विजय साथी ने कहा है कि राणा गुरजीत को सार्वजनिक तौर पर कैप्टन अमरेन्द्र के गोल्ड मैडलिस्ट चमचे के रूप में जाना जाता है। उसका बयान और कुछ नहीं बल्कि अपने आका के प्रति अपनी ईमानदारी साबित करने का टोटका है। यदि वह रणइंद्र ङ्क्षसह के साथ रियो ओलंपिक जाते, तो शायद भारत को चमचा गिरी में एक गोल्ड मैडल मिल जाता।उन्होंने कहा कि जगमीत बराड़ ने सिर्फ सच्चाई को रोशनी में लाया था, जिसका जिक्र ई.डी की जांच के दौरान किया गया है और आगामी दिनों में और जानकारी रिलीज की जाएगी। कैप्टन इन तथ्यों से कितना बच सकेंगे? क्या वह अब केवल ढिल्लों व बी.आई.एस चाहल को भी भेजेंगे?
बराड़ पर अकालियें की शह पर बोलने संबंधी लगाए निराधार आरोपों पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि आज जगमीत बराड़ पंजाब के भला चाहने वाले लोगों के लिए उम्मीद की किरण बन चुके हैं, जो नशा तस्कर अकालियों व हवाला कारोबारियों कांगे्रसियों से तंग आ चुके हैं। वह सारी ङ्क्षजदगी बादलों के खिलाफ लड़े हैं, कृपया ऐसा कुछ भी हास्यादस्पद कहने से पहले अपना दिमाग चैक करवाएं।
विजय साथी ने कहा कि बराड़ ने 2013 में नशों के खिलाफ एक अपील दायर की थी और कैप्टन ने मजीठिया को बचाते हुए सी.बी.आई जांच को रोक दिया था। हमें बताएं आपका कैप्टन-मजीठिया-सुखबीर की सांझीदारी में मुनीम के रूप में क्या हिस्सा है।इस क्रम में हमारे व हमारे नेता के लिए पंजाब सबसे पहले है, न कि आपके सियासी व हमने अपनी आत्माओं व आत्म सम्मान को राजे द्वारा फैंके कुछ सोने के सिक्कों के लिए नहीं बेच दिया है। आप शायद एक झूठे राजे के प्रति ईमानदारी दर्शा सकते हो, लेकिन हमारी ईमानदारी उस व्यक्ति के प्रति है, जो बीते 3 दशकों से पंजाब के लोगों के लिए लड़ रहा है। वह तब पंजाब के लिए संसद में लड़ रहा था, जब आप पोंटी चड्ढा के साथ सांझीदारी करके अवैध शराब बेच रहे थे।सूत्रों के मुताबिक जगमीत बराड़ राणा गुरजीत व अन्यों के खिलाफ खालिस्तानी निशान के मामले में मानहानि का केस करने बारे विचार कर रहे हैं। जब इस बारे तरसेम जोधां से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि बराड़ एक सच्चे राष्ट्रवादी हैं और इसको साबित करने के वह आजाद हैं, लेकिन जो भाषण कैप्टन ने खालिस्तान के झंडे तले दिये थे और जो बतौर सीम्एम 2005 में उन्होंने खालिस्तानी समर्थकों के पास चक्कर काटे थे व खालिस्तान के लिए उन्होंने यू.एन महासचिव को दिए ज्ञापन बारे क्या कहें।