राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने मई महीने में उज्जैन में हुए 'वैचारिक महाकुंभ' के दौरान पर्यावरण मानदंडों के कथित उल्लंघन को लेकर एक याचिका पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अनिल दवे को जवाब दाखिल करने को कहा है। मध्य प्रदेश सरकार व दवे को नोटिस जारी करने वाली अधिकरण की भोपाल स्थित मध्य क्षेत्र की पीठ ने 31 अगस्त को होने वाली सुनवाई से पहले एक जवाब दाखिल करने के लिए 13 मई की समय सीमा मुकर्रर की थी। मध्य प्रदेश के उज्जैन में 12-14 मई को आयोजित हुए वैचारिक कुंभ के संयोजक रहे दवे न्यायालय में उपस्थित नहीं थे। बीते 30 मई को उन्हें याचिका में लगाए गए आरोप का जवाब देने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने और मध्य प्रदेश सरकार ने ऐसा नहीं किया।इस साल अप्रैल-मई में आयोजित सिंहस्थ महाकुंभ की अतिरिक्त गतिविधियों के तहत उज्जैन से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित निनोरा गांव में 'वैचारिक महाकुंभ' लोगों व समाज से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए धार्मिक व राजनीतिक लोगों के एक समूह का सम्मेलन था।
पर्यावरण कार्यकर्ता अजय दूबे द्वारा दखिल याचिका पर नोटिस जारी किया गया। याचिका में उन्होंने कहा है कि एक लाख वर्ग फुट क्षेत्र में आयोजित समारोह स्थल तक का रास्ता बनाने के लिए कई पेड़ों को काटा गया और पर्यावरण के कई अन्य मानदंडों का उल्लंघन किया गया।दूबे ने आईएएनएस से कहा, "आयोजन के लिए, कानूनों का ठीक उसी तरह उल्लंघन किया गया, जिस तरह मार्च में नई दिल्ली में आर्ट ऑफ लिविंग के वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल के लिए किया गया।"उन्होंने कहा, "आयोजकों व प्रशासन ने अस्थायी शौचालय व सड़कों के निर्माण के लिए क्रमश: एस्बेस्टस व बिटुमेन जैसे हानिकारक पदार्थो का इस्तेमाल किया।"दवे के साथ ही मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव, उज्जैन के जिलाधिकारी, इंदौर नगर निगम के आयुक्त, उज्जैन के जिला वन पदाधिकारी तथा मध्य प्रदेश प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी को भी नोटिस भेजा गया है।