तीन मंत्रियों ने संयुक्त रूप से सफदरजंग रेलवे स्टेशन से साइंस एक्सप्रेस क्लाइमेट एक्शन स्पेशल (एसईसीएएस) के 9वें चरण को हरी झंडी दिखाई। जहां पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनिल माधव दवे एवं केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन रेलवे स्टेशन पर उपस्थित थे, केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये इस समारोह को हरी झंडी दिखाई।श्री दवे ने जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि भविष्य में साइंस एक्सप्रेस को देश के 6.5 लाख गांवों तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक रेल गाड़ी जन आंदोलन एवं जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए व्यक्तिगत पहल करने एवं कदम उठाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के एक माध्यम के रूप में तब्दील नहीं हो जाती, यह जमीनी स्तर पर अपने प्रयासों में सफल नहीं होगी और केवल संगोष्ठियों में चर्चा के एक बिन्दु के रूप में ही सिमट कर रह जाएगी। श्री दवे ने बताया कि ‘किसी व्यक्ति विशेष को क्या करना चाहिए, सरकारों को क्या करना चाहिए, समाज को क्या करना चाहिए, सभी की भूमिका निर्धारित की जानी चाहिए’।
मंत्री महोदय ने रेखांकित किया कि कार्यों में पारदर्शिता होनी चाहिए और कर दताओं के पैसे का प्रत्येक हिस्सा सही तरीके से उपयोग में लाया जाना चाहिए और यह सुनिश्चित किए जाने के प्रयास जारी रखे जाना चाहिए कि लोगों तक पैसा पहुंच सके।रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि जलवायु परिवर्तन मानवता के लिए एक बड़ा खतरा है और इससे सहयोगात्मक प्रयासों के जरिये निपटा जाना चाहिए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पेरिस सम्मेलन के दौरान जलवायु कार्ययोजना की पहल करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने यह भी कहा कि साइंस एक्सप्रेस न केवल जलवायु परिवर्तन के बारे में संदेश देगी बल्कि इस ज्वलंत मुद्दे पर बहस एवं परिचर्चाओं को भी जन्म देगी। साइंस एक्सप्रेस 8 सितंबर 2017 तक पूरे भारत में 68 स्थलों को कवर करने के लिए 19 हजार किलो मीटर से अधिक की अपनी यात्रा आरंभ करेगी एवं इसके 30 लाख आगंतुकों को आकर्षित करने की उम्मीद है। क्लाइमेट स्पेशल एक्शन इस प्रमुख मुद्दे पर जागरुकता का प्रयास करेगी और एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के हमारे प्रयासों को आगे बढ़ाएगी।
इस अवसर पर डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि ‘इसे और बड़ा आंदोलन बनाने के लिए आगे आने वाले वर्षों में 4 और रेल गाडि़यां अवश्य चलाई जानी चाहिए’। मंत्री महोदय ने यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन के महत्व का इस तथ्य से अनुमान लगाया जा सकता है कि यह एक मात्र थीम है जिसे साइंस एक्सप्रेस के लिए दो लगातार वर्षों के लिए चुना गया है। पिछले वर्ष मिशन इनोवेशन एवं स्वच्छ ऊर्जा पर दो मंत्री स्तरीय बैठकों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए सैन फ्रांसिस्को की अपनी यात्रा का स्मरण करते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि विश्व के 21 बड़े देशों ने स्वीकार किया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने स्वच्छ ऊर्जा, मिशन इनोवेशन के क्षेत्र में अद्वतीय पहल की है और भारत के पास विश्व का नेतृत्व करने की क्षमता एवं ताकत है।
उन्होंने यह भी कहा कि सांइस एक्सप्रेस को लोगों का आंदोलन बनाने के लिए स्कूली छात्रों की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। संख्याओं की गिनती करते हुए मंत्रीमहोदय ने कहा कि अभी तक 1.5 करोड़ आगंतुक एवं 33801 विद्यालयों के छात्र साइंस एक्सप्रेस की यात्रा कर चुके हैं। मंत्री महोदय ने केंद्र एवं राज्यों के सभी विभागों एवं एजेंसियों तथा साइंस एक्सप्रेस के संचालन में रेल गाड़ी में सवार शिक्षकों की भूमिका एवं योगदान की भी सराहना की। इस अवसर पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में सचिव श्री अजय नारायण झा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकीविभाग में सचिव श्री आशुतोष शर्मा, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में अपर सचिव डॉ. अमिता प्रसाद, रेलवे बोर्ड के मेम्बर श्री रवीन्द्र गुप्ता भी उपस्थित थे। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में सचिव श्री अजय नारायण झा ने स्वागत भाषण दिया तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में अपर सचिव डॉ. अमिता प्रसाद ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।