हिमाचल प्रदेश सरकार और कर्मचारी राज्य बीमा निगम(ईएसआईसी) ने सोमवार को मंडी स्थित ईएसआईसी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण के संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। समझौता ज्ञापन पर हिमाचल सरकार की ओर से प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) प्रबोध सक्सेना और ईएसआईसी के क्षेत्रीय निदेशक अशोक चंद्रा ने यहां दस्तखत किए। इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य लोगों में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी थे।यहां जारी एक अधिकारिक बयान के अनुसार, 924.82 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित अस्पताल को 99 वर्षो के पट्टे पर राज्य को दिया गया है।कॉलेज शुरू होने के दो वर्ष बाद राज्य सरकार को 285.25 करोड़ रुपये पांच वार्षिक किस्तों में लौटाने होंगे। कॉलेज में एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए 100 सीटें होंगी। कॉलेज परिसर के चार खंड हैं, जिनमें एक पुस्तकालय, एक पांच मंजिला प्रशासनिक खंड, एक नर्सिग कॉलेज और सात संग्रहालय शामिल हैं।
अस्पताल में 500 बिस्तरों की सुविधा है और 40 बिस्तरों वाला एक आकस्मिक विभाग है।राज्य के स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ने आईएएनएस से कहा कि ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में अगले साल से शिक्षण सत्र शुरू हो जाएगा।राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 21 पर 31 एकड़ क्षेत्र में फैले इस मेडिकल कॉलेज की घोषणा पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगितशील सरकार ने साल 2007 में की थी, लेकिन परवर्ती भाजपा सरकार ने अधिसूचना वापस ले ली थी।गत पांच मार्च, 2014 को कॉलेज भवन का उद्घाटन किया गया था और भारतीय चिकित्सा परिषद के एक दल ने भी भवन का निरीक्षण किया था।हालांकि भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार जब केंद्र में बनी तब उसने ईएसआईसी कालेजों की योजना आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया था।