जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने मंगलवार को उन अटकलों को खारिज कर दिया, जिसके मुताबिक जर्मनी द्वारा भारत तथा चीन के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने से यह संकेत गया है कि बर्लिन तथा यूरोपीय संघ, लंदन व वाशिंगटन में अपने पारंपरिक सहयोगियों से खुद को दूर कर रहे हैं। मर्केल ने रविवार को अपनी टिप्पणी में कहा था कि यूरोप अब अमेरिका और ब्रिटेन पर और भरोसा नहीं कर सकता, जिसके बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संवाददाता सम्मेलन के दौरान मर्केल से यह सवाल किया गया कि क्या वह संबंधों को विकसित करने के लिए एशिया की तरफ तो नहीं देख रहीं। मर्केल ने कहा, "हमारे ट्रांस-अटलांटिक रिश्ते अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।"उन्होंने कहा, "हाल में मैंने जो कुछ भी कहा उसका कारण है कि मौजूदा परिस्थितियों के आधार पर हमारे पास हमें इस बात का अहसास करने के अतिरिक्त कारण हैं कि हमें यूरोप में अपने भाग्य को अपने हाथों में रखना होगा।"मर्केल ने पिछले सप्ताह जी7 के नेताओं की बैठक को असंतोषजनक करार दिया था, जिसके बाद मीडिया में बवाल मच गया था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि यूरोप वासियों को अपने भविष्य के लिए लड़ना होगा।