केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को उत्तराखंड के बेदखल किए गए मुख्यमंत्री हरीश रावत को भ्रष्टाचार के एक मामले में पूछताछ के लिए दिल्ली आने का समन भेजा है। अधिकारियों के मुताबिक, समन सीबीआई द्वारा 29 अप्रैल को एक कथित 'स्टिंग ऑपरेशन' के वीडियो की जांच शुरू करने के बाद दिया गया है। इस वीडियो में रावत कथित रूप से कांग्रेस के बागी विधायकों को 70 सदस्यीय विधानसभा में विश्वास मत के दौरान समर्थन के एवज में रिश्वत की पेशकश करते नजर आ रहे हैं। रावत ने इस वीडियो को फर्जी बताते हुए आरोपों को खारिज किया है। इस वीडियो को कांग्रेस के बागी विधायकों ने जारी किया था।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस वीडियो सीडी को प्रमाणिकता की जांच के लिए चंडीगढ़ की फोरेंसिक प्रयोगशाला में भेजा है। सीबीआई के एक सूत्र ने बताया कि फोरेंसिक रिपोर्ट से सीडी के प्रमाणिक होने की पुष्टि हुई है, जिसके बाद हरीश रावत को पूछताछ के लिए सोमवार को हाजिर होने का समन भेजा गया है।केंद्र सरकार ने 27 मार्च को उत्तराखंड में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी में बगावत होने के बाद राष्ट्रपति शासन लगा दिया था। रावत ने इसे अदालत में चुनौती दी है और सर्वोच्च न्यायालय इस मामले की सुनवाई कर रही है। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को सलाह दी है कि वे रावत को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने का मौका दें। वहीं, केंद्र सरकार ने इस पर गंभीरता से विचार करने के लिए बुधवार को अदालत से दो दिनों का वक्त मांगा। इस मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।