मंत्री बनने के बाद पहली दफा मंत्री घनश्याम सर्राफ द्वारा बाल भवन वाटिका में आयोजित अन्नकुट प्रसाद के कार्यक्रम में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। मंत्री सर्राफ ने जिले से आए लोगों को पलकों पर बैठाया और करीब चार घंटे तक लोगों में अपने हाथों से प्रसाद वितरित किया। ऐसा माहौल बना कि हर कोई मंत्री के हाथों से प्रसाद लेने के लिए खड़ा हो गया। बाल भवन वाटिका में करीब साढे चार-पांच घंटे तक प्रसाद वितरण का कार्य चलता रहा।शहर के कई कार्यक्रम निपटा कर मंत्री घनश्याम सर्राफ साढे 11 बजे बाल भवन वाटिका पहुंच गए। सबसे पहले उन्होंने वहां की प्रसाद वितरण की व्यवस्था जांची और उसके बाद अन्नकुट का प्रसाद बांटने का कार्य शुरू हुआ। शुरुआत में लोगों की भीड़ थोड़ी सी कम पहुंची,लेकिन जिस तरह से दिन चढना शुरू हुआ। उसी तरह से मंत्री सर्राफ के कार्यक्रम में लोगों की भीड़ उमडऩी शुरू हो गई। लोगों की भीड़ ज्यादा पहुंचनी शुरू होते ही मंत्री सर्राफ ने खुद प्रसाद वितरण की बागडोर अपने हाथ में ली और वे खुद कड़छे(बड़ी चम्मच) से लोगों को कढी, चावल व पुरियां, मालपुड़ा वितरित करना आरंभ कर दिया। हालांकि उनके सहयोगी भी इस कार्य में उनका हाथ बंटा रहे थे,लेकिन सबसे ज्यादा भीड़ मंत्री सर्राफ के पास ही जुटी रही। करीब चार घंटे तक मंत्री सर्राफ कभी आने-जाने वालों का हाल-चाल पूछने तो कभी उनको प्रसाद वितरण में लगा दिए। प्रसाद वितरण के दौरान मंत्री ने लोगों का हालचाल व सुख-दुख के बारे में बातचीत की। कई लोगों से हलके में चल रहे विकास कार्यो की जानकारी ली। इस तरह से पहली बार मंत्री लोगों के बीच देख कर हर कोई इतरा रहा था। चूंकि आज से पहले कोई भी मंत्री या नेता ने इस तरह का कार्यक्रम आयोजित करके लोगों से घुला-मिला नहीं था। लोगों में यह एक खास चर्चा का विषय बना हुआ था। हैरानी की बात यह है कि इस कार्यक्रम में बीजेपी के अलावा अन्य पार्टियों के लोग प्रसाद लेने के लिए पहुंचे।
लोगों से बातचीत करते हुए मंत्री घनश्याम सर्राफ ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजनों से आपसी भाईचारा बढता है। लोगों में आपसी प्रेम का संदेश जाता है। उन्होंने कहा कि दिपावली से अगले दिन अन्नकूट प्रसाद वितरण करने का एक वैज्ञानिक पहलू भी है। पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह बड़े गर्व की बात है कि देश के विभिन्न स्थानों से दीपावली के पर्व पर आतिशबाजी का प्रयोग कम करने से पर्यावरण प्रदूषण पर इस वर्ष नियंत्रण हुआ है। इसके लिए उन्होंने प्रदेशवासियों का धन्यवाद किया है कि सरकार की अपील पर लोगों ने पर्यावरण की इस समस्या को समझा व पटाखों का प्रयोग को सीमित किया। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने लोगोंं को तेज बरसात व आंधी से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर पर्वत के नीचे सभी जीवित प्राणियों को आश्रय दिया व धर्म की रक्षा की थी। इस अन्नकुट भंडारे में जिला अध्यक्ष ताराचंद अग्रवाल,जिला उपायुक्त साकेत कुमार, ऋषि प्रकाश शर्मा, मुकेश गौड, पूर्व विधायक शशि रजंन परमार, ओपी बहलवाला, शंकर घूपड़, नगरपरिषद के चेयरमैन भवानी प्रताप के अलावा अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे।