असम में कोकराझार और सोनितपुर जिले में मंगलवार को बोडो आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में 65 लोगों की मौत हो गई। इस जनसंहार के विरोध में बुधवार को सड़कों पर हजारों लोग उतर आए। इस दौरान पुलिस की गोलीबारी में तीन लोगों की मौत हो गई। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी हालात का जायजा लेने के लिए असम पहुंचे। मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने संवाददाताओं को बताया कि मंगलवार देर रात बोडो उग्रवादियों द्वारा अंधाधुंध गोलीबारी से सोनितपुर में 37 आदिवासियों की हत्या कर दी गई जबकि कोकराझार में 25 और चिरांग जिले में तीन आदिवासियों को मौत के घाट उतार दिया गया। मृतकों में 21 महिलाएं और 18 बच्चे हैं।
गोगोई ने कहा कि प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह को हालात की जानकारी दे दी है। उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार ने मुद्दे को गंभीरता से लिया है और हम आतंकवादियों के साथ दृढ़ता से निपटने के लिए तैयार हैं। हम उनके सामने समर्पण नहीं करेंगे। हम इस शक्ति को आगे नहीं बढ़ने देंगे।"मोदी ने हत्या पर अफसोस जाहिर किया है, और प्रत्येक मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये तथा गंभीर रूप से घायलों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये सहायता राशि देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से असम सरकार को 86 लाख रुपये दिए गए हैं।
राजनाथ हिंसा प्रभावित इलाके का जायजा लेने के लिए बुधवार शाम असम पहुंचे। उनके साथ गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू भी मौजूद थे। राजनाथ ने तुरंत ही राज्य के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई, पुलिस महानिदेशक और सुरक्षा बलों के प्रमुख के साथ बैठक की। वह गुरुवार को हिंसा प्रभावित जिले का दौरा करेंगे। रिजिजू ने कहा, "इस तरह की हिंसक घटना होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। अगर हमें पूर्वोत्तर को विकसित करना है, शांति बरकरार रखनी होगी।"मोदी और राजनाथ ने मंगलवार रात गोगोई से फोन पर बात की और उन्हें हालात से लड़ने के लिए हरसंभव सहायता का वादा किया। हत्या का आरोप नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के बातचीत के अनिच्छुक धड़े पर लगाया जा रहा है। हमला शाम 6.15 बजे तीन अलग-अलग जिलों में किया गया।
हमले के विरोध में सोनितपुर जिले के धेकियाजुली में हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस गोलीबारी में तीन लोगों की मौत हो गई। गोगोई ने कहा, "सेना और अर्धसैनिक बल हालात पर काबू करने के लिए पुलिस की मदद कर रहे हैं।"उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अर्धसैनिक बलों की 55 टुकड़ियां भेजने का वादा किया था। 20 कंपनियां बुधवार शाम तक असम पहुंच जाएंगी। एनडीएफबी के धड़े ने शांति की कोशिश का विरोध किया था और आगाह किया था कि असम पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ जवाबी हमला करेगा। पुलिस कार्रवाई में रविवार को दो बोडो उग्रवादी मारे गए थे और पुलिस ने उनसे हथियार भी बरामद किए थे।
गोगोई ने कहा, "एनडीएफबी उग्रवादी ने निर्दोष लोगों को निशाना बनाया है और वे बदले के लिए कमजोर लोगों को निशाना बनाना चाहते हैं।"उन्होंने कहा, "यह बर्बर और अमानवीय कृत्य है। उन्होंने नाबालिग बच्चों की हत्या की। इन हत्यायों को न्यायोचित नहीं माना जा सकता।"मुख्यमंत्री ने मीडिया से अपील की कि वे मृत या घायल लोगों की तस्वीरें न दिखाएं। अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजे जाएंगे। तीन जिलों में कर्फ्यू लगाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा, "हमारी पहली प्राथमिकता शांति स्थापित करना है। हम हिंसा न बढ़ने के उपाय करेंगे।"तीनों जिलों में तनाव व्याप्त है। उग्रवादी हमले के डर के कारण यहां पर रहने वाले लोगों ने अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण ले ली है। असम सरकार ने उग्रवादी हमले में मारे गए लोगों के परिजनों के पांच लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।