डी.सी. अभिषेक जैन ने स्वास्थय विभाग के अधिकारियों को नेशनल स्कूल हैल्थ प्रोग्राम के तहत जिला के शत प्रतिशत सरकारी स्कूलों को कवर करने और अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में विद्यार्थियों में स्वास्थय जागरूकता पैदा करने के लिए विशेष कार्यशालाएं आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। डीसी आज क्षेत्रीय अस्पताल में विभिन्न स्वास्थय सेवाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में सीएमओ जी.आर.कौशल, डा. आर.एस.ढडवाल, डा. शिवपाल कंवर, डा. अनीता शर्मा व एसएमओ भी उपस्थित थे।
डी.सी. ने कहा कि स्कूल हैल्थ प्रोग्राम के तहत डाक्टरों की एक टीम द्वारा सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों की साल में दो बार स्वास्थय जांच की जाती है औ जिला ऊना में फरवरी माह तक 244 कलस्टर कैंप लगाकर 28 हजार 837 छात्रों व 31 हजार 278 छात्राओं के स्वास्थय की जांच की गई है। इस कार्यक्रम के तहत प्राप्त 12 लाख 30 हजार रूपए की धनराशि में से 11 लाख 94 हजार 983 रूपए की राशि खर्च की गई। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के स्वास्थय जांच के दौरान ज्यादातर बच्चे एनिमिया और दंत रोगों से ग्रस्त पाए गए हैं । उन्होंने कहा कि बच्चों को प्रतिदिन दांत साफ करने की आदत डालनी चाहिए और इस कार्यक्रम के तहत चिकित्सकों व अध्यापकों को बच्चों को ब्रश करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने स्वास्थय अधिकारियों को नेशनल स्कूल हैल्थ प्रोग्राम के नतीजों का भी बराबर आकलन करने के निर्देश दिए ताकि इस प्रोग्राम की आऊटपुट आंकी जा सके।
डी.सी. ने जिला ऊना में लिंगानुपात में आए असंतुलन पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए जिला के सबसे कम लिंगानुपात वाले गगरेट व अंब ब्लाकों में कन्या भू्रण हत्या की प्रवृति पर अंकुश लगाने के लिए एक-एक दिन की कार्यशालाएं आयोजित करने और जिला भर में उन क्लीनिकों व अस्पतालों के औचक निरीक्षण बढ़ाने के निर्देश दिए , जहां अल्ट्रासाऊंड मशीनें स्थापित हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी जागरूकता कार्यशालाओं में विषय विशेषज्ञों, गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों, पंचायत प्रतिनिधियों व आंगनवाड़ी वर्करों को भी आमंत्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 2011 की जनगणना के मुताबिक पूरे प्रदेश में जहां 0 से 6 वर्ष आयु वर्ग में 1000 लड़कोंं के प्रति 906 लड़कियां हैं, वहीं ऊना जिला में सबसे कम प्रति एक हजार लड़कों के पीछे 870 कन्याएं हैं। लाहौल स्पीति प्रदेश का एकमात्र ऐसा जिला है जहां एक हजार लड़कों के पीछे 1013 लड़कियां हैं। कुल्लू में प्रति हजार लड़कों के पीछे कन्याओं की तादार 962, किन्नौर में 953, चंबा में 950, सिरमौर में 931, शिमला में 922, मंडी में 913, सोलन में 899, बिलासपुर में 893, हमीरपुर में 881, और कांगड़ा में 873 है।
डी.सी. ने राष्ट्रीय स्वास्थय बीमा योजना के तहत जिला के अभी तक छूटे परिवारों को भी कवर करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिला में 26 हजार 886 वीपीएल परिवार हैं जिनमें से 19 हजार 620 परिवारों ने ही स्वयं को इस योजना के तहत संबंद्ध करवारया है जबकि शेष 7266 वीपीएल परिवारों के कार्ड बनाने के कार्य में भी तेजी लाई जानी चाहिए ताकि इस स्कीम का सभी वीपीएल परिवारों को लाभ मिल सके। उन्होंने कहा ऊना जिला में राष्ट्रीय स्वास्थय बीमा योजना का 4351 रोगियों ने लाभ उठाया है और उन्हें 1 करोड़ 36 लाख 5 हजार रूपए की सहायता प्रदान की गई है। उन्होंने सभी स्वास्थय संस्थानों के बाहर इस योजना के बैनर व बोर्ड लगाकर इसका अधिकाधिक प्रचार व प्रसार करने के निर्देश भी दिए। बैठक क बाद डीसी ने अस्पताल परिसर का दौरा भी किया और अधिकारियों को आवश्यक हिदायतें दीं।