सिख सम्मेलन स्थगित किए जाने पर अपना आदेश लागू किए जाने पर संतोष जाहिर करते हुए सिखों की सर्वोच्च धार्मिक पीठ अकाल तख्त ने रविवार को मुद्दे का समाधान होने तक हरियाणा के गुरुद्वारों में यथास्थिति कायम रखने का निर्देश दिया। ज्ञात हो कि हरियाणा में पृथक गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एचएसजीपीसी) के गठन को लेकर हरियाणा के सिख नेता और पंजाब में सत्ताधारी अकाली दल और अमृतसर स्थित शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) आमने-सामने है। दोनों ने सिख सम्मेलन बुलाया था जिसे अकाल तख्त ने शनिवार को निरस्त करने आदेश दिया था और आदेश का पालन करते हुए दोनों ने सम्मेलन टाल दिया। अकाल तख्त के जत्थेदार गुरबचन सिंह ने कहा कि हरियाणा में गुरुद्वारों का प्रबंधन, पृथक निकाय पर उपजे विवाद का निपटारा होने तक यथावत जारी रहेगा।
अकाल तख्त ने रविवार को दोनों पक्षों को एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी भी नहीं करने का निर्देश दिया है। इस बीच उग्र सिख संगठन दल खालसा ने रविवार को अकाल तख्त के जत्थेदार से एचएसजीपीसी को जारी आदेश वापस लेने की मांग की। दल खालसा के प्रवक्ता कंवरपाल सिंह ने कहा कि अकाल तख्त को सबसे पहले हरियाणा के तीन वरिष्ठ नेताओं को तनखया घोषित करने का अपना आदेश वापस लेना चाहिए। अकाल तख्त केवल अपना फरमान वापस लेने के बाद ही उन्हें निर्देश देने के लायक होगा। एक बयान में प्रवक्ता ने कहा, "अकाली दल को अपना सम्मेलन स्थगित करने का निर्देश देकर ज्ञानी गुरबचन सिंह ने उन्हें बचने का रास्ता मुहैया कराया है। यह अत्यंत हास्यास्पद है कि जत्थेदार एचएसजीपीसी के उन नेताओं को निर्देश दे रहे हैं जिन्हें कुछ दिनों पहले उन्होंने खुद ही सिख पंथ से तनखया घोषित कर दिया था।"