भारतीय रिजर्व बैंक ने आज नागरिक सचिवालय में केंद्र शासित प्रदेश स्तरीय समन्वय समिति (यूटीएलसीसी) की 33वीं बैठक बुलाई। मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता की अध्यक्षता में हुई बैठक में अनाधिकृत जमा, अनियमित संस्थाओं की धोखाधड़ी गतिविधियों और हितधारकों के बीच मार्केट इंटेलिजेंस को साझा करने से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई।
मुख्य सचिव ने लंबित धोखाधड़ी के मामलों में हुई प्रगति की समीक्षा की और जनता के धन की सुरक्षा के लिए ठोस निवारक और शमनकारी कार्रवाई करने का आह्वान किया। उन्होंने सभी हितधारकों को इस तरह की धोखाधड़ी गतिविधियों के बारे में जनता के बीच जागरूकता फैलाने के लिए एक व्यापक और अभिसरण योजना के साथ आने का सुझाव दिया और बीयूडीएस अधिनियम के कार्यान्वयन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए मजबूत प्रयास करने का भी आह्वान किया।
बैठक के दौरान फर्जी ऐप्स/वेबसाइटों के खिलाफ कार्रवाई, जम्मू-कश्मीर में निधि कंपनियों की गतिविधियां, आरबीआई द्वारा जम्मू-कश्मीर पुलिस अधिकारियों के लिए संवेदीकरण कार्यक्रम सहित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
भारतीय रिजर्व बैंक से क्षेत्रीय निदेशक के.पी.पटनायक ने साइबर स्पेस में इस तरह की धोखाधड़ी गतिविधियों के उदय से निपटने के लिए उठाए जा सकने वाले विभिन्न कदमों पर चर्चा की और सभी हितधारकों के बीच सहयोगात्मक दृष्टिकोण का आह्वान किया।
बैठक में एसीएस गृह आर.के.गोयल, विशेष डीजीपी (सीआईडी) आर.आर.स्वैन, विशेष डीजीपी अपराध ए.के. चैधरी, विधि सचिव अचल सेठी, निदेशक सूचना अक्षय लाबरू और यूटी सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में जीएम आरबीआई नीरज कुमार, आरसीएस अकबर वानी, आरओसी हामिद बुखारी सहित जम्मू-कश्मीर में नियामक निकायों के शीर्ष अधिकारी, मार्केट इंटेलिजेंस यूनिट, आरबीआई के अधिकारी और सेबी और आईसीएआई के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।