पंजाब राज्य सहकारी कृषि विकास बैंक लिमिटेड को संकट से निकालने के लिए 85 करोड़ रुपए की और वित्तीय सहायता जारी करते हुए पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज यहाँ बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व अधीन पंजाब सरकार द्वारा किसानों के इस बैंक को संकट से निकालने के लिए अब तक 798 करोड़ रुपए की सहायता दी जा चुकी है।
यहाँ जारी एक प्रैस बयान के द्वारा यह जानकारी देते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब की पिछली सरकारों द्वारा किसानों की इस बैंक के प्रति बरती गई लापरवाही के कारण पंजाब राज्य सहकारी कृषि विकास बैंक बुरी तरह वित्तीय संकट की दलदल में फंसी हुई थी। उन्होंने कहा कि 85 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता इस सहकारी बैंक द्वारा नाबार्ड को रबी की फ़सल की किस्त अदा करने के लिए दी गई है।
उन्होंने बताया कि सहकारी बैंक द्वारा नाबार्ड को 31 जनवरी 2023 तक बनती 120.91 करोड़ रुपए की बनती किस्त समय पर न वापस किए जाने के कारण बैंक नाबार्ड का डिफॉल्र हो जाना था और इस सूरत में बैंक को भविष्य में नाबार्ड से रीफाईनैंस मिलना बंद हो जाना था।
मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व अधीन पंजाब सरकार द्वारा अब तक इस सहकारी बैंक की की गई सहायता के बारे में विवरण देते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा इससे पहले नाबार्ड के कर्जे की अदायगी के लिए बीते साल 26 मई को 425 करोड़ रुपए की, 31 जुलाई को कर्जे की किस्त के लिए 100 करोड़ रुपए की और पेन्शनों और पेंशन बकाया की अदायगी के लिए 28 अप्रैल को 62.67 करोड़ रुपए और 21 सितम्बर को 125.33 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता दी जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि सहकारी कृषि विकास बैंक को इस संकट का सामना केवल इसी कारण करना पड़ रहा है कि पिछली सरकारों द्वारा इस बैंक द्वारा मुहैया करवाए गए कर्जों को वापस करवाने के लिए ज़रूरी कोशिशें नहीं की गईं।वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व अधीन पंजाब सरकार किसानों और कृषि के कल्याण हेतु इस बैंक को फिर से पैरों पर खड़ा करने के लिए वचनबद्ध है।
उन्होंने कहा कि इस बैंक द्वारा कृषि के विकास के लिए किसानों को आसान किस्तों पर कर्ज देने में अहम भूमिका निभाई जा रही है। उन्होंने इस बैंक के कर्जधारकों को भी अपील की कि वह जल्द से जल्द अपना कर्ज वापस करने के लिए प्रयास करें, क्योंकि इस बैंक की होंद उन जैसे व्यक्तियों को आसन कर्जे मुहैया करवाने के लिए अति ज़रूरी है।