श्री आनंदपुर साहिब से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात करके कई लोगों और जानवरों के लिए खतरनाक बीमारियों का कारण बन चुकी कॉस्मेटिक फैक्ट्री के संदर्भ में कार्रवाई किए जाने की मांग की है। इस अवसर पर सांसद तिवारी ने उन्हें एक पत्र भी सौंपा।
सांसद तिवारी ने पर्यावरण मंत्री कब का है कि वह उक्त फैक्ट्री के संदर्भ में 23 सितंबर को भी उन्हें एक पत्र लिख चुके हैं। जिसमें उन्होंने बताया है कि हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना में पड़ने वाली मॉडल्स कॉस्मेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड से होने वाले प्रदूषण के चलते श्री आनंदपुर साहिब लोकसभा क्षेत्र के अधीन आते गांव महिंदवानी और आसपास के इलाकों में बसने वाले लोगों और यहां तक कि जानवरों की सेहत पर भी बहुत बुरा असर पड़ रहा है। जिसे लेकर वह संबंधित अधिकारियों को उचित कार्रवाई करने का निर्देश देने की अपील करते हैं।
सांसद तिवारी ने बताया कि वह 14 अक्टूबर को इस संदर्भ में प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों द्वारा दिए जा रहे धरने में भी शामिल हुए थे, जो अब 77वें दिन में प्रवेश कर चुका है। क्षेत्रों के लोगों ने उन्हें बताया कि उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और हर गांव में कोई ना कोई गांव वाला किसी ना किसी बीमारी से पीड़ित है व इसका कारण उक्त फैक्ट्री द्वारा फैलाया जाने वाला प्रदूषण है।
इसे लेकर जिला प्रशासन की ओर से सीनियर मेडिकल अफसर, पीएचसी, पोशी, होशियारपुर के नेतृत्व में महिंदवानी-गढ़शंकर में एक स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया गया था, जिसके नतीजे चिंताजनक रहे हैं। इस दौरान चेकअप किए गए 523 मरीजों मैं से 82 को फेफड़ों संबन्धी बीमारियां और सांस की शिकायतें, 80 को चमड़ी की बीमारियां, 88 को आंखों की बीमारियां और चेहरे की समस्याएं थी, जबकि 275 को सामान्य सेहत संबन्धी समस्याएं थीं।
यह एक चिंताजनक स्थिति है, जिस पर तुरंत ध्यान दिया जाने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि स्थानीय निवासियों को हो रही बीमारियां सीधे तौर पर उक्त फैक्ट्री द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण का परिणाम हैं। फैक्ट्री से निकलने वाले हानिकारक धुए ने हवा को जहरीला बना दिया है। फैक्ट्री में टनों की तादाद में पराली जलाई जाती है और उससे निकलने वाला हानिकारक धुआं 5-6 किलोमीटर के क्षेत्र को प्रभावित करता है।
हवा के साथ-साथ जमीनी पानी को भी प्रदूषित कर रहे केमिकल वेस्ट का क्षेत्र के वनस्पति और पशुओं पर भी बुरा असर पड़ रहा है। केमिकल वेस्ट के सही तरीके से डिस्पोजल ना होने के चलते उसने पेयजल को भी दूषित कर दिया है। यहां कैंसर फैलने का भारी खतरा है, क्योंकि ये केमिकल कासीनजन हैं। फैक्ट्री द्वारा इस्तेमाल किए जाते केमिकल से फैलने वाली बदबू हर घर तक पहुंचती है।
क्षेत्र के छात्र सही तरीके से शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रहे। फैक्ट्री संचालक ने अपने उत्पादन को बढ़ाने हेतु कुदरती वनस्पति को हटा दिया है। कुदरती नहरें और धाराएं पूरी तरह से खराब हो चुकी हैं। फैक्ट्री द्वारा प्रदूषण को कंट्रोल करने हेतु जरूरी औजार का इस्तेमाल नहीं किया जाता। जिसके चलते कुदरती तबाही आने की आशंका है।
वास्तव में बगैर ट्रीट के इफूलेंट्स छोटी नदियों में छोड़ें जा रहे हैं जो सवा नदी में जाती हैं और सीधे तौर पर सतलुज नदी में मिल जाते हैं, जो अब शहरी पंजाब में लगे उद्योगों द्वारा छोड़े जाने वाले जहरीले केमिकलों से और अधिक प्रदूषित हो रही है।ऐसे में वह आप से केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को प्रभावित क्षेत्र में एक टीम भेजकर सर्वे करवाए जाने और इस संबंध में उचित कार्रवाई किए जाने की मांग करते हैं, ताकि वातावरण के साथ-साथ इन गांवों के निवासियों की सेहत को भी बचाया जा सके।