हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शनिवार को कहा कि केंद्र ने शिमला शहर के लिए 229 करोड़ रुपये की सीवेज शोधन परियोजना को मंजूरी दी है। यह परियोजना 2025 तक पूरी हो जाएगी और अगले 30 वर्षो के लिए शिमला की आबादी को पूरा करेगी।
मंत्री ने कहा कि शहर में नए सीवेज नेटवर्क को फिर से जीवंत करने और बिछाने के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट केंद्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण इंजीनियरिंग संगठन (सीपीएचईईओ) को सौंपी गई है।
मंत्री ने कहा, "सीपीएचईईओ ने परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना को विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित किया जा रहा है।"मंत्री ने कहा कि शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड (एसजेपीएनएल) ने 230 किलोमीटर सीवेज नेटवर्क बिछाने की परियोजना शुरू की है।
मंत्री ने यहां मीडिया से कहा, "शिमला शहर का विस्तार हो रहा है। हमारा उद्देश्य इससे वंचित लोगों को सीवेज लिंकेज उपलब्ध कराना है। शिमला शहर में कुल 230 किलोमीटर सीवेज लाइन बिछाई जानी है।"
भारद्वाज ने कहा कि मौजूदा सीवेज लाइन को भी छह इंच व्यास के पाइप बिछाकर अपग्रेड किया जाएगा। उन्होंने कहा, "परियोजना के दो पुर्जे हैं। एक घरों में ताजा सीवेज लिंकेज डालना है और दूसरा मौजूदा लाइनों को अपग्रेड करना है।
यह परियोजना 2025 तक पूरी हो जाएगी।"सीवेज निपटान के लिए कुछ परिवार सेप्टिक टैंक पर निर्भर हैं। इस योजना से सेप्टिक टैंक पर निर्भरता समाप्त होगी। उन्होंने कहा कि धाली और मशोबरा के क्षेत्रों को भी इस योजना के तहत सुविधा से जोड़ा जाएगा।