अकबरुद्दीन ओवैसी हमेशा ही अपनी हरकतों और विवादित बयानबाजियों को लेकर चर्चा में रहते हैं। हाल ही में उन्होंने एक ऐसा काम किया है जिससे पूरे देश में बवाल हो गया है। बीते गुरुवार को अकबरुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र पर चादर और फूल चढ़ाए। अब इस पर महाराष्ट्र बीजेपी ने उद्धव सरकार से मांग की है कि ओवैसी पर राजद्रोह का मुकदमा चले। अब सियासत गर्मा गई है।महाराष्ट्र बीजेपी ने राज्य सरकार पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि वो अब राज्य सरकार का साहस देखना चाहेंगे। बीजेपी नेता राम कदम ने कहा, महाराष्ट्र सरकार को लोगों की आवाज दबाने और उन पर राजद्रोह के आरोप लगाने का शौक है। अगर वो इतने साहसी हैं तो उन्हें ओवैसी पर राजद्रोह का मुकदमा चलाना चाहिए। वहीं, MNS नेता अखिल चित्रे ने भी सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की है। आपकी जानकारी के लिए बता दें।
इस दौरे पर ओवैसी के साथ AIMIM नेता और औरंगाबाद के सांसद इम्तियाज जलील भी थे। उन्होंने ओवैसी का बचाव करते हुए कहा कि शिवसेना और बीजेपी को अकबरुद्दीन ओवैसी से सीखने की जरूरत है।इम्तियाज जलील ने कहा कि वो केवल अजान के मुद्दों पर बात करते हैं, लेकिन हैदराबाद का एक नेता यहां एक मुफ्त स्कूल स्थापित कर रहा है। बीजेपी को इसी तरह सीखना और काम करना चाहिए। औरंगजेब के मकबरे की यात्रा पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए क्योंकि ये सिर्फ एक रिवाज है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। वहीं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस ने शुक्रवार को कहा कि एआइएमआइएम विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी ने औरंगजेब का महिमामंडन कर राष्ट्रवादी मुस्लिमों का अपमान किया है। देश के मुसलमानों के लिए औरंगजेब कभी भी आदर्श नहीं हो सकता है। औरंगजेब ने छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र संभाजीराजे को घोर यातनाएं देने के बाद मरवा दिया था।
फड़नवीस ने कहा कि हम औरंगजेब का किसी भी तरीके से महिमामंडन बर्दाश्त नहीं करेंगे। जो ऐसा करता है उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि ओवैसी बंधु महाराष्ट्र को चिढ़ाने के लिए बार-बार औरंगाबाद में आकर औरंगजेब की कब्र पर घुटने टेकते हैं। इसके जरिए ओवैसी बंधु महाराष्ट्र में अंशाति फैलाने की राजनीति करना चाहते हैं। लेकिन किसी दिन उन्हें भी उसी कब्र में जाना पड़ेगा। राउत ने कहा कि ओवैसी ने महाराष्ट्र को एक चुनौती दी है तो समझ लीजिए कि हमने उनकी चुनौती को स्वीकार कर लिया। हमने औरंगजेब को महाराष्ट्र की मिट्टी में गाड दिया था। औरंगजेब के जो भक्त हैं उनका भी महाराष्ट्र में यही हाल होगा।