यह प्रसिद्ध कहावत कि उम्र सिर्फ़ एक संख्या है, को सत्य करके दिखाते हुये साढ़े तीन वर्षीय कुंवरप्रताप सिंह ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और इंटरनैशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया है। इसके साथ ही उसे तेज़ याददाश्त के लिए चाइल्ड प्रोडिजी मैगज़ीन के लिए भी चुना गया है।कुंवरप्रताप सिंह सराभा नगर में सेक्रेड हार्ट कान्वेंट स्कूल का विद्यार्थी है। अपनी विलक्षण याददाशत की कुशलताओं से कुंवरप्रताप ने 5वीं ग्रेड के विद्यार्थी को पछाड़ दिया। कुंवरप्रताप को 1 से 40 तक पहाड़े, विश्व के सभी देशों की राजधानियों के नाम, किसी भी संख्या की गुणा और अभाज्य संख्याएं संबंधी सब कुछ जुबानी याद है।पुस्तकों के प्रति उसका जुनून उसका पुस्तकें पढ़ने और भाषा बोलने की प्रवृत्ति से झलकता है। वह लम्बे शब्दों का उच्चारण आसानी से कर सकता है और पढ़ने में भी वह काफ़ी कुशल है। गुणा, घटाव और भाग के सवालों को जुबानी हल करने में उसका अद्भुत हुनर हर किसी को हैरान कर देता है।कुंवरप्रताप के माता-पिता ने बताया कि सेक्रेड हार्ट में पढ़ना उसकी खुशकिस्मती है क्योंकि कुंवरप्रताप की तरफ से ‘शेयरिंग एंड केयरिंग’ की अहमीयत को इतनी अच्छी तरह समझता है कि उसे अपने साथ खेलने वाले हमउम्र बच्चों को पढ़ाना अच्छा लगता है।उसको कालोनी के सभी निवासियों के नाम, मकान नंबर और अन्य विवरण भी याद हैं। वह ओलंपियाड भी बहुत आसानी से कर लेता है और उसके नाम पर कई विश्व रिकॉर्ड दर्ज हैं।तस्वीरों को याद रखने की अपनी विलक्षण याद शक्ति के साथ वह एक साल और उससे पहले हुई किसी भी बात या घटना को तुरंत याद कर सकता है।इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्डज़ में, उसे 1 मिनट में 27 स्मारकों के नाम बताने और 1 मिनट में 14 पहाड़े सुनाने के लिए ग्रैंडमास्टर का खि़ताब दिया गया।इतनी छोटी आयु में 1 से 30 तक पहाड़े सुनाने, 48 सेकंड में सभी भारतीय राज्यों की राजधानियों के नाम बताने, 23 मिनट 48 सेकंड में 27 पुस्तकें पढ़ने के लिए उसका नाम इंटरनैशनल बुक ऑफ रिकॉर्डज़ में दर्ज है।चाइल्ड प्रोडिजी मैगज़ीन में उसे पूरे भारत में से शीर्ष 100 बच्चों में से चुना गया।