तीन नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा ने संसद में पारित किये गये तीनों कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। कहा कि जिस कृषि कानून को सरकार किसान हित में बता रही है, उसे लागू किया गया तो किसान ही नहीं पूरा देश बर्बाद हो जाएगा। तीनों कृषि कानूनों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने विकासनगर में पंफ्लेट जारी किया है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जगतार सिंह बाजवा ने विकासनगर में आयोजित पत्रकार वार्ता में केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि ग्यारह दौर की वार्ता में तीनों कानूनों में संशोधन पर राजी होने के बाद भी प्रधानमंत्री सदन में बोलते हैं कि हमें अब तक यह नहीं बताया गया कि कानूनों में काला क्या है। इसलिए किसान मोर्चा ने तीनों किसान कानूनों की खामियों को पर्चे के माध्यम से उजागर कर रही है। किसान नेता बाजवा ने आरोप लगाया कि कानून लागू होने के बाद जिन मंडियों के संरक्षण की बात सरकार कर रही है वह पूरी तरह से झूठ है। किसान नेता ने बताया कि कानून लागू होने के बाद जो मंडी होगी वह मंडी नहीं बल्कि कारपोरेट कम्पनी के कलेक्शन सेन्टर होंगे। जहां पर किसान की उपज की खरीद कम्पनी द्वारा निर्धारित मूल्य पर होगी। इसके माध्यम से होने वाली खरीद के बाद कृषि उत्पाद को बाजार में कम्पनी अपने द्वारा निर्धारित मूल्य पर बेचेगी। नए कानूनों के बाद कृषि उपज सरकार द्वारा न खरीदे जाने के बाद देश का पीडीएस सिस्टम पूरी तरह से धराशाई हो जायेगा। यह कानून बटाई और अधिया पर खेती करने वाले किसानों सहित छोटे स्तर पर पशुपालन करने वाले दुग्ध उत्पादकों को पूरी तरह समाप्त कर देगा।बताया कि कृषि कानूनों के कारण देश के कॉरपोरेट व बहुराष्ट्रीय निगमों को कृषि उत्पाद ही नहीं बल्कि अंडा, मांस, मछली, दूध भी अपने गोदामों में भर कर रखने की खुली छूट मिल गयी है। कानून में सरकार ने लिख दिया है कि देश में पचास से सौ प्रतिशत तक महंगाई बढऩे पर भी सरकार कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी। कहा कि जो भी व्यक्ति जिंदा रहने के लिए अन्न खाता है। उसे काले कानूनों के रद्द करने के संघर्ष में शामिल होना चाहिए। पत्रकार वार्ता में जगबीर शर्मा, परविंदर चौधरी, सरदार बलजीत सिंह, कुलविंदर सिंह, सिद्धार्थ, दिलेर सिंह रंधावा, प्रिंस दास, मंगल सिंह, अरविंद पासी, राजीव शर्मा आदि शामिल रहे।