आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर नेता और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने दोष लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में दलितों और गरीबों को लेकर कितनी नफरत भरी हुई है, हाथरस का घिनौना कांड और योगी सरकार की तालिबानी पहुंच इस की प्रत्यक्ष मिसाल है। इस करके माननीय सुप्रीम कोर्ट को सीबीआई जांच की निगरानी खुद करनी चाहिए, जिससे दुनिया को अलविदा कह गई मासूम बच्ची और पीडि़त परिवार को इंसाफ मिल सके।हरपाल सिंह चीमा आम आदमी पार्टी के वफद के साथ हाथरस कांड के पीडि़त परिवार को मिलने के उपरांत मीडिया को संबोधन कर रहे थे। वफद में पार्टी के राष्ट्रीय नेता और राज्य सभा मैंबर संजे सिंह, दिल्ली विधान सभा की डिप्टी स्पीकर राखी बिड़ला, दिल्ली के कैबिनेट मंत्री राजिन्दर पाल गौतम, विधायका रुपिन्दर कौर रूबी, मनजीत सिंह बिलासपुर, कुलवंत सिंह पंडोरी, मास्टर बलदेव सिंह और दलित नेता अमरीक सिंह बंगड़ प्रमुख हैं।पार्टी हैडक्वाटर से जारी बयान के द्वारा हरपाल सिंह ने बताया कि वह दलित परिवार की मरहूम बच्ची के माता, पिता, भाई भाभी और दादी को मिले और परिवार की ओर से जो दर्द भरी घटना और योगी सरकार का रवैया बताया गया, वह रौंगटे खड़े करने वाला है। हरपाल सिंह चीमा अनुसार, ‘‘हमें मरहूम बच्ची की मां ने रोते हुए बताया कि यूपी प्रशासन ने बच्ची का आधी रात को संस्कार करने के मौके मृतक बच्ची का आखिरी बार मुंह तक नहीं देखने दिया। इस तालिबानी सोच रखने वाली सरकार की गुंडागर्दी का शिखर है।’’हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि योगी सरकार दोषियों के शरेआम पक्ष में खड़ी है और योगी सरकार की इस धक्केशाही को प्रधान मंत्री नरिन्दर मोदी और समूची भाजपा हिमायत दे रही है।हरपाल सिंह चीमा ने कहा, ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली भाजपा को अब बेटियां और दलितों-गरीबों बारे बात करने का भी कोई अधिकार नहीं रह गया।हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि हाथरस की इस घटना ने एक बार फिर भाजपा के ‘राम राज’ का पर्दाफाश कर दिया है।