पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के दिशा निर्देशों के अंतर्गत लोगों और जानवरों को बीमारियों से बचाने और आम जीवन फिर से बहाल करने के लिए जिला प्रशासन जालंधर द्वारा बाढ़ के बाद पोस्ट फ्लड एक्शन प्लान जारी किया गया है। राज्य सरकार ने डिप्टी कमिश्नर जालंधर को इन निर्देशों को तुरंत अमल में लाने के निर्देश दिए हैं। यह जानकारी पंजाब सरकार के एक प्रवक्ता ने दी। इसी तरह कपूरथला, रूपनगर, फिऱोज़पुर, लुधियाना, फाजिल्का और मोगा सहित बाढ़ प्रभावित इलाकों के सभी डिप्टी कमीश्नरों को भी इसको लागू करने के लिए कहा गया है।दिशा निर्देशों में स्पष्ट बताया गया है कि प्रभावित नागरिकों की आर्थिक, शारीरिक और मानसिक तंदुरुस्ती का ध्यान रखा जाये। जिला स्तरीय अधिकारियों की जिम्मेदारियों को श्रेणीबद्ध करते हुए सिविल सर्जनों को कहा गया है कि बाढ़ के बाद होने वाली बीमारियों बारे आम लोगों को जागरूक करने के लिए आई.ई.सी. कार्यवाही की जाये जिसमें निजी सुरक्षा जैसे कि पानी उबाल कर ईस्तेमाल करना, भोजन को सही ढंग से पकाना, अच्छी तरह से हाथ धोने, ओ.आर.एस. और जि़ंक की गोलियों का प्रयोग करना, निजी सफ़ाई और आस-पास की सफ़ाई बारे जानकारी शामिल है। पानी से पैदा होने वाली बीमारियों जैसे कि डायरिया, उल्टीयां, हैज़ा, वैक्टर बोर्न बीमारियाँ जैसे कि मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू, चमड़ी और आँखों की बीमारियों आदि बारे जानकारी दी जाये। राज्य सरकार ने अपने एक्शन प्लान में गंभीर तनाव के कारण पैदा होने वाली मनोवैज्ञानिक बीमारियों की रोकथाम के लिए बाढ़ पीडि़तों के मनोबल को बढ़ाने के लिए माहिरों को शामिल करने की सिफ़ारिश भी की है।
निर्देशों के अनुसार महामारी को फैलने से रोकने के प्रबंधन के लिए विशेष ध्यान रखा जाये। दवाएँ, काउंसलिंग और उच्च केन्द्रों को रैफऱल सेवाएं देने के लिए आऊटरीच मैडीकल कैंप स्थापित किये जाएँ। जल सप्लाई और सेनिटेशन विभाग को पीने के लिए साफ़ पानी मुहैया करवाने और क्लोरीन की गोलियों की नियमित सप्लाई करने के निर्देश दिए हैं। इसी तरह प्रशासन की टीमें जल सप्लाई स्कीमों की बहाली होने तक विभिन्न बाढ़ प्रभावित गाँवों को पानी के टैंकरों के द्वारा पीने योग्य पानी मुहैया करवाएँगी। यह टीमें बाढ़ प्रभावित गाँवों में शौचालयों की सुविधा का जायज़ा लेंगी जिससे इस सम्बन्धी तुरंत ज़रुरी मापदंड अपनाए जाएँ।एच.एस. और एफ.एम.डी. जैसी बीमारियाँ होने पर पशूओं का टीकाकरण किया जाये। वैटरनरी टीमें गाँवों में काम करेंगी और बीमार पशूओं को इलाज/टीकाकरण की सुविधा प्रदान करेंगी और वह पशु पालन विभाग से फीड/चारा/भूसा लेकर पशु पालकों में बाँटेंगे। हरेक टीम अपनी निगरानी अधीन मरे हुए पशूओं के मृतक शरीर के निपटारे के लिए जि़म्मेदार होगी।
मंडी बोर्ड के अधिकारी एक हफ्ते के अंदर -अंदर बाढ़ से प्रभावित लिंक सडक़ों की मरम्मत करके उनको चालू करेंगे।जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी बाढ़ प्रभावित गाँवों में पानी की निकासी और गलियों और नालों की मरम्मत को यकीनी बनाएंगे। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के मनरेगा नौकरी कार्ड धारकों को इस कार्य में अधिक से अधिक काम दिया जायेगा जिससे प्रभावित लोग कमाई कर सकें।हिदायतों में स्पष्ट किया गया है कि खाद्य एवं सिविल सप्लाई विभाग ज़रूरत वाले स्थानों पर राशन और पानी की सप्लाई को यकीनी बनाए। बिजली सप्लाई जल्दी से जल्दी बहाल की जाये।डिप्टी रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं को बाढ़ प्रभावित सोसायटियों और खाद के भंडार का नुक्सान, अगर कोई है, की रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। सहकारी सभाओं के सदस्यों को राहत देने के उपाय के तौर पर एक्शन प्लान में कोऑपरेटिव सोसायटी के सदस्यों के थोड़े समय के कर्जों को मध्यम अवधि के कर्जों में तबदील करने और आगामी रबी की फ़सल की बिजाई के लिए किसानों को सुविधा देने का प्रस्ताव पेश करने के लिए कहा गया है जिससे सबंधित प्रभावित किसानों को नये शॉर्ट टर्म लोन/खेती करने के लिए निवेश में सहायता दी जा सके।यह हिदायत की गई है कि बाढ़ का शिकार हुए पशूओं का मुआवज़ा देने के लिए राहत टीमों द्वारा मृत/डूबे जानवरों से संबंधित आंकड़े इक_े किये जाएँ।इसके अलावा, राहत /ग्रांटों की जल्दी से जल्दी आवंटन के लिए जान और माल के नुक्सान और फसलों के अनुमानित नुक्सान का मुल्यांकन किया जाये।.