पुलिस में दूरदर्शी सुधार एवं पहल करते हुये पंजाब मंत्रीमंडल ने आंतकवादी चुनौतियों से निपटने के लिए स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एस ओ जी) बनाने की स्वीकृति दे दी है। नई फोर्स में शामिल होने वाले कर्मचारियों के लिए गैर वित्तीय लाभ भी मुहैया करवाये गये हैं।बैठक के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि फिदाईन हमलों, अगवा करने की स्थितियों, हथियारबंद व्यक्तियों की घुसपैठ जैसी आंतकवादी चुनौतियों से यह एस ओ जी निपटेगा ताकि बहुमूल्य जानें और सम्पत्तियों के नुकसान से बचा जा सके।पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रीमंडल की बैठक के दौरान एस ओ जी स्थापित करने के लाभ संबंधी विचार विमर्श किया गया जोकि हथियारबंद हमलों का प्रभावी, उपयुक्त और संभव तौर पर निपटने में मदद देगा। यह नागरिकों के जीवन और देश की सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाये जाने की कोशिशों को कम करेगा। यह ग्रुप जिला पुलिस, सिविल अथॉरिटी, सेना, एन एस जी, आई बी, इंटेलिजेंस विंग आदि जैसी एजेंसियों से लगातार तालमेल करके कार्य करेगा।प्रवक्ता के अनुसार गुरदासपुर और पठानकोट के फिदाईन हमलों के कारण सरकार द्वारा एस ओ जी स्थापित किये जाने की जरूरत महसू की जा रही थी क्योंकि फिदाईन हमलों, अगवा करने की स्थितियों, हथियारबंद व्यक्तियों की घुसपैठ जैसी आंतकवादी चुनौतियों से लोगों की बहुमूल्य जानें और सम्पत्तियों के नुकसान से बचाने के लिए इनसे निपटने, मुकाबला करने और इनकी चुनौतियों को समाप्त करने के लिए मौजूदा पुलिस बल में अति शिक्षित यूनिटों और उचित प्रशिक्षण की कमी थी। एस ओ जी को विश्व स्तरीय प्रशिक्षण दिया जाएगा और इनके पास ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए उच्च दर्जे की वचनबद्धता होगी। यह इस तरह के हमलों के विरूद्ध राज्य की प्रमुख और विशेषीकृत टीम के रूप में कार्य करेगा। खूफिया रिपोर्टो में कहा गया था कि फिदाईन ग्रुपों द्वारा राज्य में सुरक्षा वालों और अन्य अ्हम स्थानों पर हमले करने की योजनांए बनाई जा रही हैं। इसलिए एस ओ जी पंजाब और यहां के लोगों की सुरक्षा के लिए प्रभावी औजार के तौर पर कार्य करेगा।नॉन गजटिड अधिकारियों व अफसरों को एस ओ जी में कम से कम 5 वर्ष कार्य करना होगा। 5 वर्ष का सफलतापूर्वक कार्य करने के पश्चात पंजाब सशस्त्र पुलिस/भारतीय रिजर्व बटालियन, कमांडो के एन जी ओज़ तथा औ आरज़ को जिला कैडर में तैनात किया जायेगा।