राजनीतिक पारे को और चढ़ाते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को खुलासा किया कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे हाल ही में उनसे मिले थे और दोनों ने देश में 'समान विचारधारा वाले दलों के गठबंधन' की जरूरत पर चर्चा की थी। करजात के एक लक्जरी रिजॉर्ट में एनसीपी के दो दिवसीय चिंतन शिविर के इतर पवार ने संवाददाताओं को बताया, "उद्धव और (शिवसेना नेता) संजय राउत 10 दिन पहले मेरे आवास पर मुझसे मिले थे।"भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नीतियों का विरोध करने वाले दलों को इंगित करते हुए पवार ने कहा, "हमने देश में सभी समान विचारधारा वाले दलों के गठबंधन की जरूरत पर भी चर्चा की।"एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि शिवसेना केंद्र और महाराष्ट्र में भाजपा के साथ अपने गठबंधन को लेकर खुश नहीं है, लेकिन अभी यह साफ नहीं है कि पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में बनी रहेगी या नहीं।
इस बात का खुलासा एनसीपी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल के बयान के एक दिन बाद हुआ है। दरअसल पटेल ने 'चिंतन शिविर' में कहा था कि पवार 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री की दौड़ में हो सकते हैं।हालांकि अपनी विशिष्ट शैली में पार्टी अध्यक्ष ने नेताओं से कहा कि 'उन्हें प्रधानमंत्री बनाने का विचार अपने दिमाग से हटा दें' और इसके बजाए एनसीपी के विस्तार के लिए कड़ी मेहनत करें।संयोग से पांच दिन पहले उद्धव अपने बेटे आदित्य के साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बुलावे पर उनसे मिलने पहुंचे थे। ममता ने भाजपा की आलोचना करने के लिए शिवसेना की प्रशंसा की थी। मंगलवार को शिवसेना के युवा नेता आदित्य ठाकरे ने एक ब्लॉग में भाजपा की कड़ी आलोचना की। ब्लॉग में आदित्य ने नोटबंदी के पीछे के इरादे को 'संदिग्ध' करार दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि नोटबंदी का फैसला देश और लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा।