रूस अपना ध्यान पूर्वी एशिया की ओर पश्चिम से ठंडे रिश्तों की वजह से नहीं, बल्कि राष्ट्रीय हितों की वजह से कर रहा है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को यह बात कही। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, संघीय सदन को अपने वार्षिक संबोधन में रूस के नेता ने इस बदलाव के पीछे किसी अवसरवादी कारणों से इनकार किया। उन्होंने कहा कि देश की मौजूदा नीति देश के दीर्घकालिक हितों और वैश्विक झुकाव को लेकर है। पुतिन ने कहा, "रूस भारत के साथ सहयोग को महत्व देता है और जापान के साथ अपने रिश्तों में सुधार की उम्मीद करता है।"
उन्होंने मौजूदा मुश्किल हालात में वैश्विक एवं क्षेत्रीय स्थायित्व सुनिश्चित करने के एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में रूस और चीन की साझेदारी की सराहना की। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के रिश्तों ने जिस तरह से पारस्परिक लाभकारी प्रभाव डाला है, यह उसका उदाहरण है। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के साथ भविष्य के रिश्ते पर पुतिन ने अमेरिका के साथ संबंध सामान्य करने के लिए रूस के तैयार रहने की बात दोहराई, क्योंकि दोनों देशों की अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा एवं स्थायित्व सुनिश्चित करने और परमाणु अप्रसार की व्यवस्था सुनिश्चित करने की सामूहिक जिम्मेदारी है।