सिंगापुर में 'अंतर्राष्ट्रीय वाटर वीक के तहत जल संशाधन एवं पानी के स्त्रोत बचाने को लेकर आयोजित कार्यशाला में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री घनश्याम सर्राफ ने कहा कि भारत के अलावा अन्य देशों को भी पानी के स्त्रोतों को बचाने के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे। सभी के सहयोग से ही सिमट रहे जलस्त्रोतों को बचाया जा सकता है। जनसंख्या के लिहाज से जो अभी तक जलस्त्रोत है। उनके अलावा ओर भी जलस्त्रोत ढूंढने होंगे तथा नए व वैकल्पिक जलस्त्रोत तैयार भी करने होंगे। तभी भविष्य में लोगों के पीने के पानी की भरपाई हो सकेगी।मंत्री सर्राफ ने कहा कि अब सोचने का विषय यह है कि जल स्त्रोतों को कैसे बचाना है ताकि आने वाली पीढी के लिए भी पानी सुरक्षित रह सके। मंत्री सर्राफ ने कहा कि जो वर्तमान में जल स्त्रोत है। उनके पानी को भी व्यर्थ नहीं बहने दिया जाना चाहिए। उस स्त्रोत के पानी का भी भंडारण होना चाहिए।इस दौरान मंत्री सर्राफ के साथ गई जलापूर्ति विभाग की तकनीकी टीम ने वहां पर आयोजित कार्यशाला में बेहतरीन स्वच्छ पानी कैसे उपलब्ध करवाया जा सके और भारत में किस तरह से पानी को साफ व स्वच्छ बनाया जा रहा है। इस तकनीक पर विस्तार से चर्चा हुई। अन्य देशों की तकनीकों को साझा किया। इनके अलावा कार्यशाला में पानी को ओर बेहतरीन स्वच्छ किस तरह से बनाया जाए ।इस विषय पर भी विभिन्न देशों के अधिकारियों व विशेषज्ञों से बातचीत हुई।