अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने ब्रह्मांड के रहस्यों का खुलासा करने के प्रयास के तहत एक चौड़े टेलीस्कोप के निर्माण की घोषणा की है, जो हब्बल स्पेस टेलीस्कोप से 100 गुना अधिक बड़ा होगा। इस टेलीस्कोप का नाम वाइड फील्ड इंफ्रारेड सर्वे टेलीस्कोप (डब्ल्यूएफआईआरएसटी) होगा, जो शोधकर्ताओं को डार्क एनर्जी (गुप्त ऊर्जा) व डार्क मैटर के रहस्यों का खुलासा करने व ब्रह्मांड के विकास की जानकारी प्रदान करने में मदद करेगा।
खगोल विज्ञान और खगोलीय यांत्रिकी में गुप्त ऊर्जा, ऊर्जा का एक काल्पनिक रूप है, जो सम्पूर्ण अंतरिक्ष में व्याप्त होता है एवं जिसमें ब्रह्माण्ड के विस्तार की दर को बढ़ाने की प्रवृत्ति होती है।
वहीं डार्क मैटर एक काल्पनिक पदार्थ है। इसकी विशेषता है कि अन्य पदार्थ अपने द्वारा उत्सर्जित विकिरण से पहचाने जा सकते हैं, किन्तु डार्क मैटर अपने द्वारा उत्सर्जित विकिरण से पहचाने नहीं जा सकते। इनके अस्तित्व का अनुमान दृष्यमान पदार्थो पर इनके द्वारा आरोपित गुरुत्वीय प्रभावों से किया जाता है।इस टेलीस्कोप का निर्माण साल 2020 के मध्य तक पूरा हो जाने की संभावना है, जिसके माध्यम से वेधशाला हमारी सौर प्रणाली से इतर भी नई दुनिया की खोज करेगी और नई दुनिया की खोज को और उन्नत करेगी, जहां जीवन के अनुकूल वातावरण हो सके।
साल 2018 में जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की लॉन्चिंग के बाद डब्ल्यूएफआईआरएसटी एजेंसी की अगली सबसे महत्वपूर्ण एस्ट्रोफिजिक्स वेधशाला है। वाशिंगटन स्थित नासा के साइंस मिशन निदेशालय के सहायक प्रशासक जॉन ग्रंसफेल्ड ने कहा, "डब्ल्यूएफआईआरएसटी में वह क्षमता होगी जो ब्रह्मांड के रहस्यों से हमें अवगत कराएगी, जिस तरह से हब्बल ने किया था।"