सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को एसटीएफ को अपराध प्रक्रिया संहिता के तहत व्यापमं के आरोपियों के खिलाफ उचित कदम उठाने की मंजूरी दे दी, ताकि वे कार्रवाई में विलंब का लाभ उठाकर जमानत न ले सकें। न्यायमूर्ति एच.एल.दत्तू की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने कहा, "एसटीएफ ज्ञापन में दर्ज व्यक्तियों के खिलाफ अपराध प्रक्रिया संहिता के तहत उचित कार्रवाई करेगा।"केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने न्यायालय के 13 जुलाई के उस फैसले में बदलाव के लिए याचिका दायर की थी, जिसके तहत न्यायालय ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी। सीबीआई ने याचिका में कहा था कि इस मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल/विशेष कार्य बल को उन मामलों में आरोप-पत्र दायर करने की अनुमति दी जाए, जिनकी जांच पूरी हो गई है, क्योंकि व्यापमं मामले के रिकार्ड स्थानांतरित करने में समय लगेगा।
सीबीआई की तरफ से पेश होते हुए महाधिवक्ता रंजीत सिन्हा ने न्यायालय से कहा कि जिन आरोपियों की रिमांड अवधि समाप्त होने जा रही है, उन्हें आरोप-पत्र दाखिल न हो पाने की स्थिति का लाभ लेकर जमानत मांगने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि नियमानुसार आरोपियों की गिरफ्तारी के 90 दिनों के भीतर आरोप-पत्र दाखिल हो जाने चाहिए।उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने व्यापमं मामले की जांच 13 जुलाई को सीबीआई को सौंप दी थी।