स्वास्थ्य, राजस्व और विधि मंत्री ठाकुर कौल सिंह ने कहा है कि नशे के जाल को रोकने के लिए पुलिस और प्रशासन के अलावा समाज के सभी वर्गों विशेषकर पंचायतीराज संस्थाओं को भी आगे आना होगा। नशा विरोधी मुहिम को सामूहिक प्रयासों से ही कामयाब बनाया जा सकता है। कौल सिंह शनिवार को मनाली में राष्ट्रीय विधिक सेवाएं प्राधिकरण (नालसा) के तत्वावधान में हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन के समापन सत्र को विशेष अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।इस आयोजन के लिए नालसा और राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण की सराहना करते हुए कौल सिंह ने उम्मीद जताई कि यह सम्मेलन नशा विरोधी अभियान में एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि युवा या किशोरावस्था में नशे की ओर प्रेरित होने की ज्यादा आशंका रहती है। इसलिए नशा विरोधी अभियानों में शिक्षण संस्थानों को शामिल करना अत्यंत आवश्यक है।
कौल सिंह ने कहा कि नशा उन्मूलन की दिशा में हिमाचल सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं। छापेमारी और भांग उखाड़ो अभियानों के अलावा नशे के दलदल में फंसे युवाओं को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए हर जिला व जोनल अस्पतालों में डी-एडिक्शन सेंटर स्थापित किए गए हैं। इन सेंटरों में क्लीनिक साइकालॉजिस्ट व मेडिकल सोशल वर्कर तैनात किए गए हैं। 74 डाक्टरों को बेंगलूरू में विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है और 127 युवा परामर्श केंद्र खोले गए हैं। नशे के आदी तीन हजार से अधिक लोगों का प्रदेश के विभिन्न डी-एडिक्शन सेंटरों में इलाज किया गया है और एक हजार से अधिक लोगों का इंडोर उपचार भी किया गया है। इन्हें निशुल्क इलाज पर दवाईयां मुहैया करवाई गई हैं। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत भी बच्चों को नशे के दुष्प्रभावों से अवगत करवाया जा रहा है।