असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई से राज्य में अवैध 'भैसों की लड़ाई और बुलबुल की लड़ाई' बंद कराने का आग्रह एक अधिकार समूह ने शुक्रवार को किया। गोगोई को लिखे एक पत्र में ह्यूमन सोसायटी इंटरनेशनल/इंडिया के प्रबंध निदेशक एन.जी. जयसिम्हा ने कहा, "जनवरों को गैरकानूनी तरीके से आपस में लड़ाना फिर चाहे यह भैसों लड़ाई हो या बुलबुल की लड़ाई, इसमें बहुत क्रूरता होती है। इसका नतीजा अंत में तकलीफ, चोट और अधिकांश पशुओं की दर्दनाक मौत के रूप में सामने आता है।"ऐसी लड़ाइयां बिहू पर्व के दौरान 14 और 16 जनवरी के बीच असम के शिवसागर, नगांव, मोरीगांव और कामरूप जैसे विविध जिलों में होनी हैं।जयसिम्हा, भारतीय पशु कल्याण बोर्ड के सदस्य भी हैं। उन्होंने कहा कि 10,000 या इससे अधिक के इनाम के लिए सैंकड़ों भैंसों को जबरन ऐसी लड़ाई में धकेल दिया जाता है।उल्लेखनीय है कि मई 2014 में सर्वोच्च न्यायालय ने पशु कल्याण बोर्ड एवं सरकार को पशुओं को अनावश्यक दर्द और तकलीफ से छुटकारा दिलाने का निर्देश देते हुए सभी तरह की पशु लड़ाइयों और दौड़ों पर रोक लगाने के लिए एक आदेश पारित किया था।