सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री ने आज यहां कहा कि प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि एचपीएमसी एवं हिमफैड द्वारा मण्डी मध्यस्थता योजना-2013 के अन्तर्गत प्रापण किए जा रहे 18 किलोग्राम की सेब की बोरी के स्थान पर अब 61.5 किलोग्राम सेब बोरी में ही प्रापण किया जाएगा। इसकी एवज में बागवानों को केंद्र प्रभारी द्वारा 60 किलोग्राम की रसीद जारी की जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बागवानों के हितों को सुरक्षित बनाने के प्रति कृतसंकल्प है। प्रदेश की विभिन्न मण्डियों में सेब की बिक्री को गड आधार पर ही सुनिश्चित बनाया गया है। उन्होंने कहा कि विपणन बोर्ड को ऐसे आढ़तियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं, जो सप्रेटर आकार के सेब को बड़े आकार के सेबों की अपेक्षा कम दामों में बेचकर बागवानों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे आड़तियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है और यह सुनिश्चित बनाया जा रहा है कि बागवानों को उनकी फसल के उचित मूल्य प्राप्त हो सके।
श्रीमती स्टोक्स ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विपणन समिति (एचपीएमसी) द्वारा शिमला जिले के गुम्मा तथा जरोल टिक्कर में ग्रेडिंग इकाइयां स्थापित की गई हैं, जहां सीए-स्टोरेज की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने कहा कि इन सीए-स्टोर में प्रत्येक में दो-दो चैम्बर बागवानों को समर्पित किए गए हैं, जहां वे ग्रेडिंग की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।