ऊर्जा एवं कृषि मंत्री, श्री सुजान सिंह पठानिया ने कहा है कि निजी क्षेत्र की जल विद्युत परियोजनाओं के कार्य पर निगरानी रखने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा गुणवत्ता नियंत्रण एवं जल प्रबंधन प्राधिकरण का गठन किया गया है, जिसके द्वारा जल विद्युत परियोजनाओं की सुरक्षा, गुणवत्ता, नियंत्रण, जल प्रवाह प्रबंधन तथा अन्य कार्यों पर निगरानी रखने के साथ-साथ समय-समय पर समीक्षा भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस प्राधिकरण द्वारा जल विद्युत परियोजनाओं की दीर्घकालीन उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए भी सुझाव दिए जाएंगे।ऊर्जा एवं कृषि मंत्री आज यहां मिनी सचिवालय में आयोजित खुला दरबार के दौरान लोगों की समस्याओं सुन रहे थे तथा उन्होंने अधिकांश समस्याओं का निपटारा मौके पर ही किया गया।
उन्होंने कहा कि लोगों को रियायती दर पर पेयजल एवं सिंचाई व्यवस्था उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 230 करोड़ रुपए तथा घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को बिजली पर सबसीडी प्रदान करने के लिए 270 करोड़ रुपए की राशि व्यय की जा रही है। कृषि क्षेत्र का उल्लेख करते हुए श्री पठानिया ने कहा कि प्रदेश में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने पर चालू वित्त वर्ष के दौरान 353 करोड़ रुपए की राशि व्यय की जा रही है ताकि कृषि क्षेत्र सुदृढ़ होने से ग्रामीण क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं को घर-द्वार पर रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकें।उन्होंने कहा कि किसानों को खरीफ की फसल पर मक्की, धान एवं चारे के उन्नत बीजों पर 50 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त बीपीएल, अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के परिवारों को अपनी भूमि के सुधार इत्यादि के लिए मनरेगा के तहत विशेष योजनाएं स्वीकृत करने हेतु संबंधित पंचायतों को प्राधिकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा पॉलीहाउस के निमार्ण पर 85 प्रतिशत सबसीडी प्रदान की जा रही है।कृषि मंत्री ने बेरोजगार युवाओं से आग्रह किया कि वह सरकारी नौकरियों के पीछे भागने की बजाए कृषि को व्यवसाय के रूप में अपनाए जिससे उन्हें घर-द्वार पर स्वरोजगार भी मिलेगा और सरकार उन्हें कृषि क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए उदारता से सहायता भी प्रदान करेगी।