शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा, आबकारी एवं कराधान मंत्री प्रकाश चौधरी और मुख्य संसदीय सचिव इन्द्र दत्त लखनपाल ने स्वामी राम देव द्वारा हमीरपुर जिले के सलासी में एक जनसभा में आज दिए गए उस वक्तव्य को हास्यास्पद करार दिया है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री राहुल गांधी को राष्ट्र के नेतृत्व के लिए आयोग्य एवं अनुभवहीन व्यक्ति कहा है।मंत्रियों एवं मुख्य संसदीय सचिव ने आज यहां जारी संयुक्त वक्तव्य में कहा है कि बाबा राम देव को इस तरह के राजनीतिक एवं व्यर्थ के वक्तव्य देने के बजाय अपने व्यवसाय पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि राम देव को किसी भी व्यक्ति की ईमानदारी पर शक करने का कोई अधिकार नहीं है और ऐसा प्रतीत होता है कि वह ‘योग क्रिया’ भूलकर अपने आप को राजनीतिक पंडित के तौर पर प्रस्तुत करने की कोशिश कर रहे हैं।
रामदेव द्वारा श्री नरेन्द्र मोदी को देश के नेतृत्व के लिए उचित व्यक्ति के तौर पर प्रस्तुत करने के संदर्भ में दिए गए वक्तव्य पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि बाबा राम देव की साम्प्रदायिकता के समर्थन की संर्कीण सोच स्पष्ट करती है कि वह कट्टरवादी हैं, जिनका धर्म निरपेक्षता पर कोई विश्वास नहीं है। उन्होंने कहा कि बाबा राम देव को यह नहीं भूलना चाहिए कि पूर्व भाजपा सरकार द्वारा वर्ष 2010 में पतंजलि योगपीठ न्यास को सोलन जिले के साधु पुल में पट्टे पर दी गई 28 एकड़ भूमि को वर्तमान सरकार द्वारा रद्द कर दिया गया। वास्तव में यह भूमि पटियाला के राज परिवार द्वारा वर्ष 1956 में बच्चों के लिए इंदिरा अवकाश गृह के लिए दान की गई थी, जिसे न्यास को पट्टे पर नहीं दिया जा सकता था। उन्होंने कहा कि न्यास की ओर से पावर ऑफ अटार्नी आचार्य बाल कृष्ण को दी गई, जिनकी राष्ट्रीयता पर ही विवाद है। मंत्रियों एवं मुख्य सचिव ने कहा कि बाबा राम देव सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए हमेशा राजनीति करते हैं। बाबा राम देव के केन्द्र की यूपीए को ‘विदेशी सरकार’ बताने के वक्तव्य पर उन्होंने कहा कि बाबा राम देव को यह नहीं भूलना चाहिए कि केवल भारतीय नागरिक ही संसद के किसी भी सदन व राज्य विधानसभाओं के लिए निर्वाचित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि बाबा राम देव नहीं जानते हैं कि देश का प्रधानमंत्री कौन है।
उन्होंने कहा कि बाबा राम देव एक सैद्धांतिक व्यक्ति नहीं हैं, क्योंकि पूर्व में उन्होंने हिमाचल प्रदेश से सेब के कंसंट्रेट जूस एवं औषधीय जड़ी-बूटियों की खरीद के लिए सहमति दी, परन्तु बाद में लोगों को आकर्षित करने के बजाय इस दिशा में उन्होंने ठोस कुछ नहीं किया।श्री शर्मा, श्री चौधरी तथा श्री लखनपाल ने बाबा राम देव को परामर्श दिया कि वे इस प्रकार के बेतुके आरोप लगाने से बाज ‘योग’ पर ध्यान केंद्रित करें और लोगों को गुमराह न करें।