ज्वालामुखी बस अड्डे में आज उस समय हड़कंप मच गया, जब पुलिस ने यहां एक दुकान में दबिश दी। अधिकारियों पुरुषोत्तम धीमान, चमन लाल व रघुवीर सिंह सहित पुलिस कर्मचारियों की टीम ने बस अड्डे की एक दुकान की तलाशी ली और गन्ने के छिलकों के बोरे में से 104 नशीले कैप्सूल व दुकानदार के गोदाम से 144 नशीले कैप्सूल बरामद किए। पुलिस ने दुकानदार के नौकर से पूछताछ करके उसके बयान दर्ज कर लिए हैं और दुकान के मालिक, जो किसी काम से बाहर गया है, से संपर्क कर शीघ्र ही थाने में हाजिर होने को कहा है। गौरतलब है कि ज्वालामुखी व आसपास के क्षेत्रों में पिछले लंबे समय से नशीले पदार्थों की बिक्री की शिकायतें सुनने को मिल रही थीं। सूचना मिलते ही पुलिस की अधिकारियों की टीम ने बस अड्डे में जाकर उस दुकान की तलाशी ली और दुकान में तथा गोदाम में परोक्सीवोन व स्पाजमा के 248 नशीले कैप्सूल बरामद करके आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। इस घटना की पुष्टि करते हुए डीएसपी देहरा बीडी भाटिया व थाना प्रभारी सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि पुलिस इस नशे के धंधे के पीछे बड़े सरगनों को पकड़ने के लिए काम करेगी, ताकि काला धंधा करने वाले गोरे लोगों को कानून के शिकंजे में लाया जा सके। स्थानीय लोगों ने बताया कि नशीले कारोबार का धंधा यहां लंबे समय से फलफूल रहा था, परंतु कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लग रही थी। कई स्कूलों व कालेजों के छात्र इन नशीले पदार्थों का सेवन कर रहे थे। एक केमिस्ट के अनुसार यह नशीले कैप्सूल दुकानदार को दो रुपए के लगभग में पड़ता है, जिसे 20 से 25 रुपए तक में बेच कर मोटी कमाई की जाती है। ज्वालामुखी व आसपास के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर नशे का यह कारोबार होता चला आ रहा है। स्थानीय विधायक संजय रतन ने देह व्यापार के एक दम बाद नशे का जखीरा पकड़े जाने पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि इससे इस पवित्र नगरी के अपवित्र हो जाने का खतरा है। असामाजिक तत्त्वों से बचें और उनकी जानकारी पुलिस विभाग को देकर समाज की रक्षा करने में सहयोग करें।