करनाल ब्राह्मण महासभा ने अलग सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के गठन का समर्थन किया है। महासभा के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा का कहना है कि हरियाणा के गुरुघरों पर पंजाब का कब्जा नहीं होने दिया जाएगा। गुरुद्वारों के प्रति ब्राह्मण, पंजाबी, राजपूत, जाट सहित सभी जातियों व धर्मों की भी इतनी ही आस्था और अधिकार है, जितना कि सिख भाइयों का। ऐसे में अब यह लड़ाई अकेले हरियाणा के सिखों की नहीं रही है बल्कि छत्तीस बिरादरी की हो गई है।सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि ब्राह्मण सभा इस मामले को केंद्र लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखेगी कि केंद्र सरकार का हस्तक्षेप रुकवाया जाए। हरियाणा सरकार को भी पत्र लिखा जाएगा कि अगर पंजाब इस मामले में रुकावट पैदा करता है तो उससे सख्ती से निपटा जाए। हरियाणा के सिखों को उनका अधिकार मिलना ही चाहिए। सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि अब बात अकेले गुरुद्वारों के संचालन की नहीं रही है बल्कि प्रदेश का मान-सम्मान इससे जुड़ गया है।
महासभा प्रधान ने कहा कि अकाली नेताओं ने जिस तरह से प्रदेश के गुरुद्वारों में निहंगों को हथियारों से लैस करके बैठाया है, उससे धाॢमक भावनाओं को ठेस पहुंची है। अगर ऐसा ही होता रहा तो कोई भी व्यक्ति गुरुद्वारों में जाएगा ही नहीं। उन्होंने मांग की है कि गुरुद्वारों से तुरंत निहंगों को हटाया जाए ताकि प्रदेश के सिख भाई गुरुघरों में मान-सम्मान के साथ जाकर मत्था टेक सकें।सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि हरियाणा के सिखों ने पंजाब के सिखों को हमेशा अपना बड़ा भाई समझा है और आज पंजाब को भी बड़े भाई का फर्ज निभाना चाहिए। जिस तरह का व्यवहार पंजाब के मुख्यमंत्री बादल व शिरोमणि गुरुद्वारा प्र्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष अवतार सिंह मक्कड़ कर रहे हैं, वह शोभनीय नहीं है। हरियाणा के सिखों ने बरसों तक अपने मान-सम्मान की लड़ाई लड़ी है और लम्बे संघर्ष के बाद प्रदेश सरकार ने उन्हें उनका हक दिया है। अब इस मामले में किसी भी प्रकार का दखल प्रदेश की जनता सहन नहीं करेगी।