हिमाचल प्रदेश को मिला कृषि कर्मण अवार्ड
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5 दरिया न्यूज (विजयेन्दर शर्मा)
शिमला , 15 Jan 2013
केन्द्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश को गेहूं के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि कर अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल करने के लिए कृषि कर्मण अवार्ड प्रदान किया। राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी ने आज नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री सुजान सिंह पठानिया को यह पुरस्कार प्रदान किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री सुजान सिंह पठानिया ने कहा कि प्रदेश की 92 प्रतिशत ग्रामीण जनसंख्या का मुख्य व्यवसाय कृषि है। कृषि 69 प्रतिशत कामकाजी जनसंख्या को सीधे तौर पर रोज़गार उपलब्ध करवाती है। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में प्राथमिक क्षेत्रों का 21.31 प्रतिशत योगदान है, जिसमें से लगभग 18.03 प्रतिशत कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र योगदान दे रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि कृषि क्षेत्र प्रदेश के आर्थिक विकास में सक्रिय योगदान दे रहा है तथा कृषि उत्पादन में किसी भी प्रकार के उतार-चढ़ाव से राज्य की आर्थिकी व्यापक तौर पर प्रभावित होगी। प्रदेश के कुल भौगोलिक क्षेत्र 55.67 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में से 9.79 लाख हैक्टेयर क्षेत्र ही कृषि योग्य है जिसमें 9.14 लाख किसान कृषि करता है जबकि लगभग 5.42 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में कृषि की जाती है। राज्य में भूमि स्वामित्व का औसत आकार लगभग 1.10 हैक्टेयर है तथा सीमान्त एवं छोटे किसान 86.4 प्रतिशत हैं। प्रदेश में 1200 मिलीमीटर औसत वर्षा होती है जिसमें से 70 प्रतिशत वर्षा के मौसम तथा शेष सर्दियों के दौरान होती है। वर्तमान में केवल 19.5 प्रतिशत कुल कृषि योग्य क्षेत्र में ही सिंचाई की जाती है जबकि शेष भू-भाग में वर्षा पर निर्भर रहना पड़ता है। पठानिया ने कहा कि प्रदेश सरकार कृषि क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है तथा सरकार ने योजना संसाधनों का 12 प्रतिशत कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों को आवंटित किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (चावल एवं गेहूं), कृषि का मैक्रो प्रबन्धन, विस्तार सुधार इत्यादि जैसे फलैगशिप कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया गया इसके परिणामस्वरूप गत दशक के दौरान खाद्य उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि हुई। उन्होंने कहा कि वर्ष 2011-12 में कुल खाद्य उत्पादन 15.54 लाख टन बढ़ा। गेहूं प्रमुख खाद्य फसल है जो रबी मौसम में 80 प्रतिशत भू-भाग में उगाई जाती है। वर्ष 2011-12 के दौरान गेहूं के उत्पादन में भी 6.33 लाख टन की वृद्धि हुई है।