लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) की लिटरेरी सोसाइटी ने शांति देवी मित्तल सभागार में राष्ट्रीय युवा संसद (एनवाईपी)-2023 के अपने पहले संस्करण का आयोजन किया, जहाँ इसे संसद भवन का आकार दिया गया। कार्यवाही के दौरान, विद्यार्थी प्रतिभागियों ने 'संसद सदस्यों' की भूमिका निभाई, और दिए गए सामाजिक, कानूनी, भू-राजनीतिक या आर्थिक मुद्दे पर व्यापक चर्चा में शामिल हुए। हालाँकि, इस संगठन में जो एजेंडा लिया गया वह था 'समान नागरिक संहिता (यूसीसी) - जो वर्तमान दौर का एक ज्वलंत विषय है - जिस पर विद्यार्थी केंद्रित "लोकसभा" में गहन चर्चा की गई ।
विभागों का आवंटन युवा संसदों' के पूर्व अनुभवों पर आधारित था। विद्यार्थियों ने पीएम मोदी, श्री अमित शाह, श्री राज नाथ सिंह, श्रीमती हेमा मालिनी, श्रीमती सोनिया गांधी, श्री राहुल गांधी और कई अन्य प्रसिद्ध सांसदों का प्रतिनिधित्व किया।इसका आयोजन भारत सरकार के संसदीय कार्य मंत्रालय की राष्ट्रीय युवा संसद योजना के तहत किया गया था। 'भारतीय संसदीय प्रणाली' पर आधारित इसका मुख्य उद्देश्य भारत की युवा आबादी के बीच लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करना था।
इस योजना के क्रियान्वयन से विद्यार्थियों में अनुशासन की स्वस्थ आदतें विकसित होने का भी अनुमान लगाया गया।भारत के सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं के पोर्टफोलियो के साथ विद्यार्थी बने युवा सांसदों को संबोधित करते हुए, संसद सदस्य (राज्यसभा) व एलपीयू के संस्थापक चांसलर डॉ. अशोक कुमार मित्तल ने जिस तरह से उन सभी ने देश के सच्चे सांसदों के रूप में अपनी लोकतांत्रिक भावना व्यक्त की, उसके लिए बधाई दी।
डॉ. मित्तल ने उन सभी से इस सभा में आयोजित अपने विचारों का एक मसौदा तैयार करने का भी आह्वान किया, जिसे वह स्वयं संभावित कार्यान्वयन के लिए संसद में आगे बढ़ाएंगे। डॉ. मित्तल ने यह भी इच्छा व्यक्त की कि भारतीय युवाओं को राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का एहसास होना चाहिए और भारत को दुनिया का शीर्ष देश बनाने के लिए उन्हें सामूहिक रूप से काम करना चाहिए।
इसके लिए विशेष पुरस्कार भी रखे गए थे। सांसद अजय मंडल के पोर्टफोलियो वाले एलपीयू के छात्र अनुराग शुक्ला को 10,000 रुपये के नकद पुरस्कार के साथ सर्वश्रेष्ठ वक्ता घोषित किया गया; दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म के सुजल शर्मा ने सांसद अर्जुन मेघवाल का प्रतिनिधित्व किया और 10,000/- रुपये के पुरस्कार के साथ सर्वश्रेष्ठ सांसद बने; उच्च प्रशस्ति पुरस्कार पोस्ट ग्रेजुएट गर्ल्स कॉलेज -11 चंडीगढ़ की पलकी को दिया गया, जिन्होंने सांसद हेमा मालिनी का प्रतिनिधित्व किया; एलपीयू के राज रोशन राय ने सांसद असदुद्दीन ओवैसी का प्रतिनिधित्व किया।
प्रश्नकाल के लिए विशेष उल्लेख जीता; और, शून्यकाल के लिए विशेष उल्लेख गार्गी कॉलेज, दिल्ली की जन्नत को दिया गया, जिन्होंने सांसद सुनीता दुग्गल का प्रतिनिधित्व किया था ।इन तीन को पांच-पांच हजार रुपये का नकद पुरस्कार मिला। एलपीयू की प्रो चांसलर श्रीमती रश्मी मित्तल ने विजेताओं को सम्मानित किया। देशभर से करीब 300 विद्यार्थियों ने इसके लिए पंजीकरण कराया था, जिनमें से केवल 60 ही सांसद बन सके थे ।
इस संवादात्मक मंच का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को संसद की कार्यप्रणाली से परिचित कराना भी था, जिसमें मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करना ; कानून बनाना, और सरकार की देखरेख करना शामिल है। वास्तव में, यह मंच सिखाता है कि विधायक कैसे नीतियां विकसित करते हैं, कानूनों का मसौदा तैयार करते हैं और देश के लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाले मामलों पर चर्चा/बहस में भाग लेते हैं।