15 अगस्त के अवसर पर पिछले 5 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे कैब-ऑटो संयुक्त मोर्चा ने प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता ऐम.पी.जस्सर वरिष्ठ उपाध्यक्ष पंजाब यूनाइटेड ब्यूरो ऑफ ह्यूमन राइट्स एंड क्राइम कंट्रोल के साथ, "क्या हम आज भी आज़ाद हैं ?" के नारे तहत 15 अगस्त का स्वतंत्रता दिवस मनाया गया और धरना स्थल पर ही पूरे सम्मान के साथ पूरे मोर्चों द्वारा झंडा फहराया गया ।
इस मोके पर पिछले 5 दिनों से निरंतर भूख हड़ताल पर बेठे इंद्रजीत सिंह मान अध्यक्ष चंडीगढ़ आजाद टैक्सी यूनियन और अमनदीप सिंह अध्यक्ष कोस्वा ट्राई सिटी और उनके साथ हरियाणा कैब एसोसिएशन के अध्यक्ष सोमवीर सिंह, ऑटो यूनियन चंडीगढ़ अध्यक्ष अनिल कुमार और मिर्चें के अन्य प्रबंधक / सदस्य द्वारा मदद की गुहार लगाते हुए पूरे मोर्चे द्वारा ऐम.पी.जस्सर जी को अपना मांग पत्र दिया गया ।
कैब-ऑटो संयुक्त मोर्चे द्वारा जस्सर को बताया गया कि वे लंबे समय से सभी संबंधित सरकारी संस्थानों को इन कारपोरेट कम्पनीआयों / अंदारो सम्बन्धी अपनी जायज मांगों और शिकाएतो को लेकर कई मांग पत्र सौंप चुके हैं, लेकिन समय-समय पर और अब तक केंदर सरकार और सूबा सरकार द्वारा इनके विरुध आज तक कोई भी सकत और सही कदम इन कारपोरेट मोबाइल एप्लीकेशन द्वारा चलायी जा रही कंपनियो पर नहीं उठाया गया, कैब- ऑटो ड्राइवरों को सरकारों द्वारा हमेशा ही अनदेखी की गई है।
उनकी कोई भी मांग पूरी नहीं की गई, उन्होंने यह भी बताया कि दिन-पर-दिन मरने से बेहतर है कि वे सरकार से न्याय और अपनी मांगें पूरी होने के इंतजार में यही इस धरने पर मर जाएं । इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता जस्सर ने संपूरन मोर्चों को भूख हड़ताल छोड़कर संबंधित संगठनों को सही और सटीक मांग पत्र भेजकर अपनी जाएज़ माँगो का वेरवा देकर खुद उनके साथ चलकर जाने का आश्वासन दिया, जिसमें जस्सड़ ने मोर्चों को पूरण तोर से समर्थन देने का आश्वासन दिया और साथ ही सभी भाइयों से वादा किया के वह उनके साथ चलकर एक सही और सटीक तरीक़े से सभी सम्बंधित अंदारो मैं शिकायत और मांग पत्र उनके साथ होकर देंगे, जिस्से इस समस्या का जल्द समाधान हो सके ।
इस मौके पर जस्सर ने सरकार से भी अपील की है कि कैब-ऑटो संयुक्त मोर्चे के सदस्य जायज मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हैं, और अगर सरकार करना चाहे तो इस समस्या का समाधान बड़ा ही सरल और आसान है , लेकिन इन्हें नजरअंदाज करना है ? बड़ा ही गैर जिमेदारना वक्त हो रहा है ।जस्सर ने सरकार से यह भी पूछा कि देश और पंजाब में रोजगार के लिए भटक रहे देशवासियों के लिए हर तरह की रोक और पाबंदी क्यों ?
और जिन कॉरपोरेट घरानों और बड़ी कंपनियों के खिलाफ ये धरने/ भूख हड़तालें हो रही हैं, उन कारपोरेट अंदारों को धक़ा शाही और आम नागरिकों पर दबाव बनाने की आज़ादी क्यूँ ? जब आम नागरिक, देशवासी आज भी गुलामी का शिक़ार है, तो स्वतंत्रता दिवस का जशन क्यों और किस लिए ? एक आम नागरिक की गुहार , क्या सुन रही है सरकार ? जस्सर ।