सचिव ग्रामीण विकास और पंचायती राज, शीतल नंदा, ने आज ग्रामीण स्वच्छता निदेशालय, द्वारा पंचायत भवन, रेलवे रोड पर आयोजित “सुजल और स्वच्छ गाँव” के तहत ,खुले में शौच मुक्त़ गतिविधियों पर क्षमता सुदृढ़ीकरण और टीओटी प्रशिक्षण का उद्घाटन किया। निदेशक ग्रामीण स्वच्छता लीना पाधा ने मुख्य अतिथि, यूनिसेफ के प्रशिक्षकों, सरपंचों, आईईसी कार्यकर्ताओं और एनआरएलएम के सामुदायिक कैडर का स्वागत किया।जल शक्ति मंत्रालय, पेयजल और स्वच्छता विभाग , विकास सहयोगी यूनिसेफ और प्रीमूव, पुणे के साथ साझेदारी में पुणे ने राष्ट्रीय स्तर पर एक क्षमता सुदृढ़ीकरण पहल शुरू की है, जिसके बाद देश भर के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापक तरीके से शुरू किया गया है। जल जीवन मिशन और ओडीएफ गतिविधियों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए ग्रामीण स्तर के अधिकारियों को लक्षित करने की पहल है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (एसबीएम-जी) के तहत ओडीएफ कार्यक्रम का विस्तार है। इसका उद्देश्य ओडीएफ स्थिति और ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन को बनाए रखना है। जल जीवन मिशन का उद्देश्य कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन, स्रोत स्थिरता, ग्रे जल प्रबंधन, जल आपूर्ति प्रणाली का संचालन और रखरखाव है। इसके बाद टीओटी को जमीनी स्तर पर प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण प्रदान करना होगा।यूनिसेफ (डीडीडब्ल्यूएस का तकनीकी समर्थन) देश भर में इन केंद्रों और जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेशों में सुविधा प्रदान कर रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम दो बैचों में आयोजित किया जा रहा है। 02 मार्च से 06 मार्च तक बैच- 1, और मार्च 11 से 15 तक बैच- 2 है।इस अवसर पर, उप निदेशक, ग्रामीण स्वच्छता जम्मू सोहन लाल, लेखाधिकारी अजय सिंह, फील्ड अफसर प्रियदर्शनी गौतम और विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।