आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने दरियाई पानियों में बढ़ रहे प्रदूषण पर गंभीर चिंता जाहिर की है। दरियाई पानियों के दिन प्रति दिन जहरीला होने से लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ती जा रही है।नरोआ पंजाब मंच के नेतृत्व में 'आप' पंजाब के किसान विंग के प्रधान और कोटकपूरा से विधायक कुलतार सिंह संधवां के नेतृत्व में दरियाई पानियों के प्रदूषित पानी में सुधार लाने के लिए पंजाब और राजस्थान की प्रतिनिधित्व वाले एक संयुक्त वफद जिन में नदियों के पानियों की गुणवत्ता के प्रति काम करने वाले 50 से अधिक एन.जी.ओज का संयुक्त मोर्चा भी शामिल था ने बुद्धवार को पंजाब के राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर को एक मांग पत्र सौंपा। मांग पत्र देने मौके नरोआ पंजाब मंच के कनवीनर गुरप्रीत सिंह चन्दबाजा, सचिव बलतेज सिंह पन्नू, महेश पैडीवाल, रमजान अली और परीख शामिल थे।वफद ने मांग पत्र में राज्यपाल को सतलुज और ब्यास दरियाओं के पानी सम्बन्धित सीधे तौर पर पंजाब (राज्य) के सैंकड़ों शहरों, कसबों और गांवों को अमृतसर (पंजाब) के हरीके पत्तन से नहरी प्रणाली के द्वारा सप्लाई किए जाने के बारे में बताया। इसके साथ यह भी जानकारी दी गई कि लोग पीने वाले पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए इन दरियाओं पर ही निर्भर हैं।वफद ने कहा कि नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने राज्य सरकारों को दरियाई पानियों की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए एक ठोस योजना तैयार करने और समय पर योजना को लागू करने के निर्देश दिए थे परंतु राज्य में पानी की बेहतरी के लिए कोई भी पुख्ता कदम नहीं उठाए गए।इसके इलावा वफद ने कहा कि नगर निगम, लुधियाना के अधीन पड़ती डेयरियों में पशुओं की एक लाख से ज़्यादा की संख्या है, जिसके कारण काफी समस्या पैदा हो रही है। वफद ने नदियों के पानी को बचाने के लिए पशु डेयरियों को तुरंत शहर से बाहर तबदील करने की मांग की।उन्होंने बताया कि वफद पहले ही केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंदर सिंह शेखावत, पंजाब प्रदूषण बोर्ड के आधिकारियों और हिमाचल प्रदेश के मुख्य मंत्री जय राम ठाकुर को मिल चुका है और राज्य सरकारें इस सम्बन्ध में कुछ नहीं कर रही जिस कारण प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है।