पंजाब विधानसभा सचिवालय ने आज बताया कि विधानसभा हलका मुल्लांपुर दाखा से विधायक श्री एच.एस. फुलका का इस्तीफ़ा नियमों के अनुसार उचित फॉरमैट्ट में न होने के कारण स्वीकृत नहीं किया गया था। गौरतलब है कि पिछले दिनों कुछ अखबारों द्वारा लिखा गया था कि श्री फू लका का इस्तीफ़ा 10 महीनों के बाद उनकी तरफ से सुप्रीम कोर्ट में जाने की दी धमकी के बाद मंज़ूर किया गया है।इन रिपोर्टों को ख़ारिज करते हुए पंजाब विधानसभा के एक प्रवक्ता ने बताया कि श्री फुलका द्वारा इस्तीफ़ा नियमों के अनुसार उचित फॉरमैट्ट में न दिए जाने के कारण विधानसभा स्पीकर द्वारा मंज़ूर नहीं किया गया था। श्री फूलका द्वारा 12 अक्तूबर, 2018 को विधायक के तौर पर इस्तीफ़ा दिया था, जो पंजाब विधानसभा की कार्यविधी और कार्य संचालन नियमावली के नियमों के खि़लाफ़ थी और इस्तीफ़े में अनावश्यक कारण दिए गए थे। इसके बाद 11 दिसंबर, 2018 को श्री फूलका द्वारा स्पीकर को निजी तौर पर मिलकर भी इस्तीफ़ा दिया गया, जो पहले दिए गए इस्तीफे के हवाले में था और यह भी उचित फॉरमैट्ट में नहीं था।उन्होंने आगे बताया कि इसके बाद पंजाब विधानसभा स्पीकर द्वारा श्री फूलका को 20 फरवरी, 2019 को निजी तौर पर पेश होने के लिए बुलाया परन्तु श्री फूलका 21 फरवरी, 2019 को पेश हुए। इस मुलाकात के दौरान स्पीकर द्वारा श्री फूलका को स्पष्ट कर दिया गया था कि इस्तीफ़ा उचित फॉरमैट्ट में नहीं है, जिस कारण मंज़ूर नहीं किया गया। इसके बाद 5 अगस्त, 2019 को विधानसभा सचिवालय में श्री फूलका का पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें उनकी तरफ से लिखा था कि यदि उनकी तरफ से भेजा गया इस्तीफ़ा फॉर्मेट में नहीं है तो वह स्पीकर को उचित फॉर्मेट में इस्तीफ़ा भेज देते हैं। प्रवक्ता ने बताया कि इसके बाद श्री फूलका द्वारा 8 अगस्त, 2019 को नियमों के अनुसार उचित फॉरमैट्ट में अपना इस्तीफ़ा भेजा गया, जिसको स्पीकर द्वारा 9 अगस्त, 2019 को स्वीकृत कर लिया गया।