ठोस कूड़ा प्रबंधन नियम -2016 लागू करने के लिए जिला पटियाला प्रशासन और नगर निगम ने समय सीमा 30 अगस्त तक निर्धारित कर दी है। इस दिन के बाद शहर और जिले में अंदर अधिक मात्रा में कूड़ा पैदा करने वाले बड़े संस्थान, जिनमें सरकारी और गैर सरकारी विभाग, शैक्षिक संस्थाओं, होटल, पैलेस, धार्मिक संस्थाएं आदि शामिल हैं, का कूड़ा नगर निगम या स्थानीय निकाय संस्थाओं की तरफ से नहीं ढ़ोया जायेगा बल्कि इनकी तरफ से खुद ही संभाला जाएगा, ऐसा ना करके नियमों का उल्लंघन करने वालों को 1 सितम्बर से चालान और भारी जुर्मानों का सामना करना पड़ेगा। डिप्टी कमिश्नर श्री कुमार अमित ने कहा कि सरकारी विभागों अथवा संस्थाओं की तरफ से कूड़ा ना संभाले जाने की सूरत में विभागीय, संस्थान के प्रमुख को अपनी तनख्वाह में से जुर्माने अदा करने पड़ेंगे।जिला प्रशासनिक परिसर में ठोस कूड़ा प्रबंधन को ले कर पंजाब म्यूंसिपल बुनियादी ढांचा विकास कंपनी की तरफ से करवाई एक संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि, हम अपनी, अगली पीढ़ीयों को कूड़े के ढ़ेर दे कर नहीं जा सकते, इसलिए हमें अपने तरफ से पैदा किया कूड़ा खुद संभालने के लिए गंभीर होना ही है। उन्होंने कहा कि हर संस्थान यहाँ तक कि रिहायशी कालोनियों की वैलफेयर समितियाँ और आम नागरिक कूड़े के प्रबंधन को गंभीरता से ले कर अपनी जिम्मेदारी समझे जिससे ठोस कूड़ा प्रबंधन नियमों को लागू करके 25 प्रतिशत कूड़ा कम करने का सरकार की तरफ से तय लक्ष्य पूरा किया जा सके।श्री कुमार अमित ने जालंधर नगर निगम की तरफ से एक बड़े ढ़ाबे नुमा होटल को नियमों की अनदेखी करने पर लगाए 14 लाख रुपए जुर्माने का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसे जुर्माने से बचने का एकमात्र रास्ता अपने तरफ से पैदा किया कूड़ा खुद संभालना है। उन्होंने अपील की है कि पंजाब सरकार की तरफ से मेरा कूड़ा मैं संभालुं, मेरा कूड़ा कोई ओर क्यों उठाए के चलाए अभियान को सफल बनाया जाये।
इस वर्कशाप मौके ठोस कूड़ा संभालने की जानकारी देते हुए पंजाब म्यूंसिपल बुनियादी ढांचा विकास कंपनी के पंजाब प्रोजैक्ट डायरैक्टर श्री पूर्ण सिंह यादव ने कहा कि हमें गीले और सूखे कूड़े को अलग -अलग करके इसे संभालना पड़ेगा और प्लास्टिक का प्रयोग घटाना होगा। इसलिए एक रूपरेखा तैयार की जाए जिससे बीमारियाँ पैदा करने वाले कूड़े को हम आमदन का साधन बना सकें।श्री यादव ने देश के कई शहरों की उदाहरण देते कहा कि पटियाला शहर को भी कूड़ा कर्कट से मुक्त किया जा सकता है। उन्होंने पिट कम्पोस्ट के साथ बागबानी और घरों के अवशेष से खाद बनाने और फिर प्रयोग योग्य कूड़े को संभालने के लिए प्रशिक्षण दिया। उन्होंने माननीय सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेषों पर 100 प्रतिशत कूड़ा संभालने के लिए प्रबंधन अनिवार्य करने बारे बताते कहा कि जिले में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है।नगर निगम के कमिश्नर स. गुरप्रीत सिंह खैहरा ने बताया कि निगम ने शहर अंदर कूड़े की 100 किलो से या इस से अधिक मात्रा पैदा करने वालों की सूचियां तैयार कर ली हैं। कूड़ा प्रबंधन को एक विषय मान कर इस की तरफ ध्यान देने की जरूरत पर जोर देते उन्होंने कहा कि आपके कूड़े का अब बाहर जाना मुश्किल होने वाला है। इसलिए कूड़ा प्रबंधन की जागरूकता के साथ नगर निगम नियमों को लागू करने के लिए दोनों कदम एक साथ उठाएगा। नगर निगम खुद अपनी, पार्कों में बनी 10 टन खाद बेचने के लिए तैयार है।स. खैहरा ने बताया कि नगर निगम ने हर दो वार्डों पर एम.आर.एफ. (मैटेरियल रिकवरी फैसलिटी) बनाने का फैसला किया है। उन्होंने पटियाला की महाराजा यादविन्दर सिंह इन्कलेव, जहाँ से 95 टन कूड़ा लगभग डेढ़ साल में संभाला गया, सहित अन्य स्थानों, जहाँ कूड़ा प्रबंधन प्रणाली लागू है, के उदाहरण प्रस्तुत किए।मीटिंग में माडल टाऊन के काऊंसलर श्री गोपाल सिंगला और रैजीडैंस वैलफेयर सोसायटी के प्रधान श्री दलजीत सिंह दुल्लत ने ऐलान किया कि वे अपने इलाके में ठोस कूड़ा प्रबंधन नियम तुरंत लागू करेंगे। इस मौके अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने सुझाव भी दिए।इस अवसर पर ए.डी.सी. (जरनल) श्री शौकत अहमद परै, सहायक कमिश्नर (यू.टी.) श्री टी. बैनिथ, नगर निगम के संयुक्त कमिश्नर सुश्री हरकीरत कौर, नव नियुक्त आई.ए.एस. सुश्री ऋतिका, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वातावरण इंजीनियर श्री लवनीत दुबे, नगर निगम के सेहत अधिकारी डा. सुदेश प्रताप सिंह, पी.एम.आई.डी.सी. के प्रोगराम कोर्डीनेटर श्री अमनदीप सिंह सेखों, मनप्रीत कौर बाजवा और बड़ी संख्या में सरकारी विभागों के अधिकारी, शैक्षिक और व्यापारिक संस्थाओं सहित रिहायशी कलोनियों की वैलफेयर समितियों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।