लोक संपर्क भाईचारे के बीच जन सूचना के नये रूझानों को बढ़ावा देने और नये तकनीकी विकास के प्रभावों बारे विश्लेषण करने के लिए पब्लिक रिलेशंज़ सोसायटी ऑफ इंडिया के चण्डीगढ़ चैप्टर की तरफ से आज ‘न्यू ट्रैंडज़ इन पीआर’ विषय पर आधारित ‘पीआर शिखर सम्मेलन-2019’ का आयोजन किया गया। जिसमें श्री समीर पाल सरो, डायरैक्टर जनरल, सूचना और लोक संपर्क और भाषा विभाग, हरियाणा इस समारोह के मुख्य मेहमान थे।इस सम्मेलन के दौरान समीर पाल सरो ने कहा कि संचार और सोशल मीडिया के क्षेत्र में तकनीकी विकास होने के बावजूद किसी भी पक्ष से रिवायती मीडिया की ज़रूरत को घटाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि इस आधुनिक तकनीक युग में संचार नये -नये रूझानों ने समाज पर गहरा प्रभाव डाला है और तेज़ी के साथ सूचना प्राप्ति की सुविधा प्रदान की है। इसके अलावा नयी तकनीकें और खोजों की आगमन से पीआर पेशेवरों ने भी आज के युग में अपनी होंद बरकरार रखने के लिए नये कौशल और सामथ्र्य को अपनाया है।पीआर के क्षेत्र में आ रहे नये रूझानों पर केंद्रित इस सार्थक पीआर सम्मेलन पर संतुष्टि प्रकट करते हुए हरियाणा के डी.जी, पी.आर ने पी.आर.एस.आई. चण्डीगढ़ चैप्टर को अगला पीआर शिखर सम्मेलन हरियाणा की तरफ से आयोजित कराने की पेशकश दी। उन्होंने कहा कि सामग्री निर्माण, छवि उभारने और संकट प्रबंधन कौशल पी.आर के महत्तवपूर्ण स्तंभ हैं और लोक संपर्क पेशेवरों की होंद इन अति ज़रुरी हुनर के साथ ही संभव है। इस मौके पर उन्होंने संकट प्रबंधन के साथ साथ रोज़मर्रा के मामलों में पीआर की महत्ता को दिखाया और डिजिटल संचार और सोशल मीडिया के आगमन से पीआर में एक व्यापक बदलाव आने की बात भी कही।
इस शिखर सम्मेलन के दौरान, डा. सेनू दुग्गल, अतिरिक्त डायरैक्टर, सूचना और लोक संपर्क विभाग, पंजाब को ‘बेहतरीन लोक संपर्क अधिकारी’ का अवार्ड दिया गया। क्विक रिलेशनज़ प्राईवेट लिमटड ने ‘बेहतरीन पीआर एजेंसी’ का अवार्ड हासिल किया जबकि प्रो. जयंत नारायण पैठकर, लोक संपर्क विभाग, पंजाब यूनिवर्सिटी, चण्डीगढ़ को ‘बेहतरीन पीआर टीचर’ अवार्ड के साथ सम्मानित किया गया। इस मौके पर पीआरऐसआई चण्डीगढ़ चैप्टर ने एक सोवीनार जारी करके श्री समीर पाल सरो को सम्मानित भी किया।इस सम्मेलन के दौरान अलग -अलग विषय माहरों ने सोशल मीडिया, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य साधनों पर गंभीर चर्चा की। अपने भाषण के दौरान हिमाचल प्रदेश के लोक संपर्क विभाग के पूर्व डायरैक्टर बी.डी. शर्मा ने लोक संपर्क के पुराने तौर तरीकों और आधुनिक तकनीकों पर विश्लेषण करते हुए कहा कि तकनीक के बदलने से सकिंटों में सोशल मीडिया और इन्टरनेट के द्वारा सूचना का अदान -प्रदान हो जाता है। उन्होंने लोक संपर्क के साथ जुड़े अधिकारियों को भविष्य में अपनी संस्थाओं की छवि बढ़ाने के लिए कहा और कहा कि साल 2020 तक लोक संपर्क क्षेत्र में 2 लाख नौकरियाँ और पैदा होने से यह उद्योग 2100 करोड़ की अर्थव्यवस्था वाला हो जायेगा।लोक संपर्क शिखर सम्मेलन के दौरान अपने विचार प्रकट करते हुए पी.आर.एस.आई चण्डीगढ़ चैप्टर के चेयरमैन हरजीत सिंह ग्रेवाल, स्टेट अवार्डी ने कहा कि भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लोक संपर्क के कार्य क्षेत्र पर बड़ा प्रभाव करेगी। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया और इन्टरनेट पर हर व्यक्ति की तरफ से की जाती कार्यवाही तुरंत सैंकड़ों वेबसाइटों के पास पहुँच जाती है, जिससे वह कंपनियाँ हरेक सम्बन्धित व्यक्ति की आत्मता तक पहुँच बनातीं हैं। स. ग्रेवाल ने नयी प्रौद्यौगिकी से सकारात्मक लाभ लेने की सलाह देते हुए हर व्यक्ति को सूचना तकनीक के बूरे प्रभावों से सचेत रहने के लिए भी कहा।टैक्निकल सैशन के दौरान पी.के. खुराना ने सुझाव दिया कि जो पीआर पेशेवर डेटा टूल्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को नहीं अपनाएंगे, वे अपने कार्य को करने में अधिक समय का प्रयोग करेंगे और आखिरकार पीआर क्षेत्र में पीछड़ जाएंगे। विचार-विमर्श के दौरान सीनियर एडिटर न्यूज़ 18, रितेश लखी ने सुझाव दिया कि जानकारी को छांटना या छोटा करने कीबजाय उसे नियमित करना बेहतर है और पीआर के क्षेत्र में बने रहने के लिए विश्वसनीयता आवश्यक है। डिपार्टमेंट ऑफ जर्नलिज़्म एंड मास कम्युनिकेशन, पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला के हैड डॉ. हैप्पी जेजी और नोर्थ पीआरएसआइ के पूर्व उपाध्यक्ष वीपी शर्मा ने भी इस विषय पर अपने कागज-पत्र पेश किए। पीआरएसआई चंडीगढ़ चैप्टर के वाइस चेयरमैन आर.के. कपलेश ने धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया।