राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर धर्मशाला में सूचना जनसंपर्क विभाग के कार्यालय के प्रेस कक्ष में डिजिटल युग में पत्रकारिता आचारनीति और चुनौतियां विषय पर परिचर्चा आयोजित की गयी । सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के उपनिदेशक अजय पराशर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। उन्होंने डिजिटल युग में पत्रकारिता में विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए नैतिकता पर बल देने की जरूरत बताई।पराशर ने कहा कि हर युग में पत्रकारिता के समक्ष चुनौतियां रही हैं। लेकिन संपूर्ण निदान के लिए समस्या का जड़ से ईलाज जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज पूरे समाज का शक के दायरे में होना बड़ी विडंबना है। इस दायरे से बाहर आना जरूरी है। उन्होंने व्यक्तिगत से सामूहिकता की ओर बढ़ने की जरूरत बताते हुए समस्या के हल के लिए प्रयास करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हमें व्यक्तिगत आचार संहिता पर जोर देना चाहिए।परिचर्चा में भाग लेते हुए वरिष्ठ पत्रकार प्रेम सूद ने डिजीटल युग में पत्रकारिता में ‘फेक व पेड’ समाचार की समस्या का जिक्र करते हुए स्वयं की आचार संहिता बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज हर व्यक्ति रिर्पोटर की भूमिका में है, ऐसे में मीडिया और पत्रकारिता के अंतर को समझना भी जरूरी है।
पत्रकार नरेश ठाकुर ने डिजिटल युग में पत्रकारिता में बढ़ते पक्षपात को चुनौती बताया और समाचारों की सत्यता जाने बिना ‘डेडलाईन’ के दबाव में अपुष्ट समाचारों से बचने की जरूरत बताई। उन्होंने डिजिटल युग में स्वयं पर नियंत्रण रख सकने की वृति को बढ़ाने की आवश्यकता बताई।पत्रकार अशोक महाजन ने कहा कि अपुष्ट जानकारी से दिया गया समाचार पत्रकारिता के मूल्यों को ठेस पहुंचाता है। पत्रकार विक्रम ठाकुर ने कहा कि नैतिकता एवं जवाबदेही के अभाव में सोशल मीडिया दूसरों की छवि खराब करने के लिए एक साधन की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है तथा इसे बदलने की जरूरत है। पत्रकार गफूर खान ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के दौर में अन्यों से प्रतिस्पर्धा के स्थान पर जरूरी है खुद से सही जानकारी देने की प्रतिस्पर्धा हो। उन्होंने डिजिटल युग में तुरंत खबरें भेजने के बढ़ते दबाव में स्वयं को सही तरीके से संभालने की जरूरत को रेखांकित किया।पत्रकार मिलन ने डिजीटल युग में पत्रकारिता आचारनीति और चुनौतियों पर तकनीकी पक्ष रखा । उन्होंने कहा कि विश्वसनीयता एवं तथ्यपरकता ही पत्रकार की वास्तविक पूंजी है। पत्रकार संजय अग्रवाल ने आज के समय में ई-पत्रकारिता के बढ़ते प्रभाव पर अपने विचार रखे। पत्रकार नृपजीत निप्पी ने कहा कि समाचारों की निष्पक्षता पर ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है। पत्रकार पूजा ने सोशल मीडिया में मुद्दों के भटकाव व व्यक्तिगत आक्षेपों को चुनौती बताया। पत्रकार राकेश भारद्वाज ने जल्दी और दूसरों से आगे निकलने की होड़ में तथ्यों की सत्यता पर ध्यान देने की जरूरत बताई।