प्रशासन में पारदर्षिता एवं दक्षता लाने हेतु सुव्यवस्थित सुधारों को जारी रखते हुए लोकनिर्माण तथा संस्कृति मंत्री नईम अख्तर ने आज कहा कि वित्तय अधिकारों में नये संशोधनों से अधिकारी राज्य में विकास परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने के लिए सशक्त बनेंगे। मंत्री ने कहा कि इन संशोधनों से न केवल प्रशासन लम्बे समय तक जबावदेही तथा पारदर्षिता सुनिश्चित होगी तथा अधिकारी विभिन्न विकास परियोजनलाओं को पूरा करने के योग्य बनेगे। सरकार की 16-5-2018 को जारी आदेश संख्या 46-एफ 2018 के तहत जारी वित्तय अधिकारों में संशोधनों के अनुसार तकनीकी वर्ग की स्वीकृति के अंर्तगत एक अधीक्षक अभियंता अधिकारी की धनराशि की सीमा मौजूदा 50 लाख से बढाकर 1 करोड रु कर दी गई है। इसी तरह कार्यकारी अभियंता अधिकारी की धनराशि सीमा 10 लाख से बढाकर 40 लाख तथा सहायक कार्यकारी अभियंता की 50 हजार से बढाकर 1 लाख रु की गई है।
प्रशासनिक स्वीकृति के अंतर्गत एक मुख्य अभियंता अधिकारी की धनराशि सीमा को 400 करोड से बढाकर 10 करोड रु किया गया है। अधीक्षक अभियंता के लिए 1.5 करोड रु की धनराशि को बढाकर 3 करोड रु किया गया है। समझौतों के कार्यान्वयन के तहत राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार अधीक्षक अभियंता के लिए उसकी धनराशि की सीमा को 40 लाख से बढाकर 5 करोड जबकि कार्यकारी अभियंता के लिए 20 लाख से बढाकर 1 करोड किया गया है। इसी तरह ठेका जारी करने के अंतर्गत विभागीय अनुबंध समिति के लिए धनराशि की 20 करोड की सीमा को बढाकर 40 करोड किया गया है। मुख्य अभियंता के लिए 10 करोड की सीमा को बढाकर 26 करोड जबकि अधीक्षक अभियंता की 5 करोड से बढाकर 7 करोड की गई है। आदेश के अनुसार कार्यकारी अभियंताओं के लिए मौजूदा सीमा 1 करोड को बढाकर 1.5 करोड रु किया गया है। आदेश के अनुसार ‘ऊपर लिखित वित्तय अधिकारों के पुनर्निर्धारण के चलते प्रशासनिक विभागां के अधिकारों का पुनर्निर्धारण अलग से किया जायेगा।