Tuesday, 30 April 2024

 

 

खास खबरें विशाल महिला सम्मलेन मौलीजागरां में प्रिया टंडन ने संजय टंडन के लिए मांगे वोट स्वतंत्रता के 65 वर्ष बाद भी 18000 गांवों में नहीं थी बिजली,यहां मोदी ने की युद्धस्तर पर शुरुआत : संजय टंडन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व स्तर पर भारत की स्थिति में किया सुधार किया : परनीत कौर व्यापारियों का हाथ गुरजीत सिंह औजला के साथ बीजेपी का जहाज ऑल टाइम हाई है और हमें मंजिल तक पहुंचाएगा क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुनामी चल रही है - पूर्व गृह मंत्री अनिल विज पंजाब में 2024 की सबसे बड़ी हेरोइन खेप ज़ब्त: पंजाब पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट का किया पर्दाफाश; 48 किलो हेरोइन, 21 लाख रुपए की ड्रग मनी समेत तीन मैंबर काबू प्राकृतिक आपदा प्रबन्धन पर पांच दिवसीय कार्यशाला आरम्भ सीजीसी लांडरां ने नेशनल लेवल हैकफेस्ट24 का रीजनल राउंड किया होस्ट संगरूर की समझदार जनता बाहरी उम्मीदवारों और अन्य पार्टियों को सबक सिखाएगी: मीत हेयर PEC ने जॉइंट रीसर्च और अकादमिक सहयोग के लिए श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय (एसएमवीडीयू), कटरा, जम्मू के साथ MoU किया साइन ''यह आनंद, हर्ष और उल्लास का अवसर है'' : प्रोफेसर (डॉ.) बलदेव सेतिया, निदेशक पीईसी रति गलानी: इंडियन एंटरटेनमेंट की ट्रेलब्लेज़र को विजनरी लीडर्स ऑफ भारत 2024 पुरस्कार से सम्मानित किया गया 'हीरामंडी' के विशेष प्रीमियर में एक करोड़ की पोशाक पहनी उर्वशी रौतेला ने फ़िल्म 'टिप्पसी' के हरियाणवी किरदार में कायनात अरोड़ा ने जमाया रंग पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सिबिन सी द्वारा वाट्सऐप चैनल जारी कई बाधाओं के बावजूद जिला मोगा में सुचारू रूप से चल रही खरीद प्रक्रिया लाहौल स्पीति के लोगों की संस्कृति ईमान बेचने की नहीं : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हिसार लोकसभा सीट से लड़े 7 चुनावों में जय प्रकाश 3 बार अलग अलग पार्टियों से निर्वाचित हुए सांसद किन्नौर पहुँचे नेता प्रतिपक्ष, पन्ना प्रमुख सम्मेलन को संबोधित कर कंगना के लिए मांगे वोट मतदाता जागरुकता के लिए गुरुग्राम के विकास सदन में वोटर्स पार्क का मुख्य सचिव ने किया शुभारंभ हरियाणा के मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने गुरूग्राम में 67 वीं एसजीएफाई नेशनल बॉस्केटबॉल चैंपियनशिप (अंडर 17) का किया शुभारंभ

 

देश में नेशनल चिल्ड्रेन ट्रिब्यूनल की जरूरत : कैलाश सत्यार्थी

कैलाश सत्यार्थी
कैलाश सत्यार्थी
Listen to this article

Web Admin

Web Admin

5 Dariya News

नई दिल्ली , 30 Mar 2018

नोबल पुरस्कार विजेता व बाल अधिकारों के लिए काम करने वाले कैलाश सत्यार्थी बच्चों के खिलाफ अपराध को रोकने के लिए चिल्ड्रेन ट्रिब्यूनल जैसी संस्था की जरूरत पर जोर देते हैं, जो बच्चों के साथ होने वाले अपराधों पर न केवल पैनी निगाह रख सके, बल्कि उनका शीघ्र से शीघ्र निराकरण भी कर सके। सत्यार्थी ने कहा है कि उन्होंने राज्य सरकार के साथ ही केंद्र सरकार से भी नेशनल चिल्ड्रेन ट्रिब्यूनल की मांग की है। देश में बच्चों के लिए पॉक्सो और केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन एक्ट जैसे कानून हैं, लेकिन उनके कार्यान्वयन में भारी कमी है, इस सवाल पर सत्यार्थी ने आईएएनएस को बताया, "कानून और उसके सही तरीके से कार्यान्वयन होने के बीच एक बड़ा गैप (फासला) है। इस गैप में कई चीजे हैं। मेरे अनुसार भारत में प्रतिबद्ध, विशिष्ट और इस तरह के मामलों की निगरानी करने वाली अदालतों की जरूरत है। हम हर जिले में कम से कम एक अदालत ऐसी बनाने की मांग कर रहे हैं जो केवल बच्चों के मामलों या बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों का निराकरण करे। हमारी इस मांग को लेकर राज्य सरकार से बातचीत चल रही है।" उन्होंने आगे बताया, "इसके अलावा मैंने केंद्र सरकार से भी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण) जैसी संस्था की मांग की थी, लोग इससे डरते हैं और इस संस्थान का अपना दबदबा है। मैं चाहता हूं कि इसी तरह से एक चाइल्ड ट्रिब्यूनल भी बनाई जाए जो बच्चों से संबंधित मामलों पर सीधा डील कर सके। 

अगर सरकार काम नहीं कर रही हैं, कोई सिफारिश नहीं हो रही है या पुलिस काम नहीं कर रही है तो इन पर वह ट्रिब्यूनल निगरानी कर सके, इसलिए हम नेशनल चिल्ड्रेन ट्रिब्यूनल की मांग कर रहे हैं।" सत्यार्थी के अनुसार, "इसके अलावा यहां सोशल कल्चरल (सामाजिक संस्कृति) दूसरा गैप है। ज्यादातर मामलों में पीड़ित को ही गुनाहगार की तरह देखा जाता है, उदाहरण के लिए अगर किसी लड़की के साथ दुष्कर्म हो गया तो एक सामान्य विचार सबके मन में आता है कि अब इसकी शादी नहीं होगी, क्या बकवास है? यह मानवता के खिलाफ कितना बड़ा अपराध है कि जो पीड़िता है उस पर लोग धब्बा लगा देते हैं जबकि धब्बा अपराधी पर लगना चाहिए। इन्हीं मानसिकताओं की वजह से पीड़िता का परिवार कानूनी कार्रवाई करने से डरता है। असंख्य मामले तो सामने ही नहीं आते हैं।" उन्होंने कहा, "हम सभी को मिलकर कोशिश करनी चाहिए कि लोगों को अपराधों के खिलाफ जागरूक किया जाए और उन्हें कानूनी व पुलिस सहायता लेने के लिए प्रेरित किया जाए। चुप बैठने से अपराधी के हौसले बढ़ते हैं। अपराध के खिलाफ आवाज उठाने से ही अपराधियों के मन में डर पैदा कर सकते हैं।"नेशनल क्राइम रिकॉर्डस ब्यूरो के अनुसार, वर्ष 2015 की तुलना में 2016 में बच्चों के साथ अपराधों के मामलों में 14 फीसदी वृद्धि हुई है। वहीं, वर्ष 2014-15 में पांच फीसदी की वृद्धि हुई थी। 2016 में भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो के तहत बच्चों से जुड़े अपराध के 1,06,958 मामले दर्ज हुए। 

हाल के कुछ समय में राजस्थान और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में नाबालिग संग दुष्कर्म करने वालों को फांसी देने का प्रस्ताव लाया गया है, क्या इससे समाज में कोई फर्क नजर आएगा? यह पूछे जाने पर कैलाश सत्यार्थी ने कहा, "अभी तो यह प्रस्ताव आया है, इसका क्या असर पड़ता है, यह जानने में वक्त लगेगा। सख्त से सख्त कानून और उसका सही कार्यान्वयन ही बच्चों के अपराधों की बढ़ती संख्या को रोक सकता है।" ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे शिक्षा, स्वास्थ्य व पोषण से काफी दूर हैं, उनकी मदद करने के बारे में पूछे जाने पर सत्यार्थी ने बताया, "मैं यह काफी समय से कर रहा हूं, क्योंकि गांव में जागरूकता की अधिक जरूरत है। मैंने अपनी संस्था से जुड़े लोगों से कस्बों के स्तर पर बाल श्रम और बच्चों की सुरक्षा संबंधी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए आयोजन करने के लिए कहा है ताकि हम देश के सुदूर क्षेत्रों के लोगों को भी बच्चों की शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य और उनके भविष्य के लिए जागरूक कर सकें। हम अगले छह महीनों में 22 राज्यों में बाल अधिकारों पर जागरूकता फैलाने के लिए कार्यशाला का आयोजन करने जा रहे हैं।" 

 

Tags: Kailash Satyarthi

 

 

related news

 

 

 

Photo Gallery

 

 

Video Gallery

 

 

5 Dariya News RNI Code: PUNMUL/2011/49000
© 2011-2024 | 5 Dariya News | All Rights Reserved
Powered by: CDS PVT LTD