ऊर्जा राज्य मंत्री आसिया नाकाश ने सदन को बताया कि सरकार ने 2018-19 के अंत तक राज्य के सभी विद्युतीकृत गांवों को बिजली बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।अशोक खजुरिया के एक प्रश्न के जवाब में मंत्री ने बताया कि 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य में कुल अविद्युतीकृत गांव 102 हैं जिनमें से 26 कश्मीर में, 58 जम्मू में और 18 लद्दाख में हैं। उन्होंने आगे बताया कि इन गांवों को डीडीयूजीजेवाई / आरजीजीवीवाई योजना के तहत विद्युतीकरण के लिए कवर किया गया है और 22 गैर विद्युतीकृत गांव विद्युतीकृत हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र ने 616.5 9 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दी है। डीडीयूजीजेवाई योजना के तहत जम्मू के 10 जिलों, कश्मीर के 9 जिलों और लद्दाख क्षेत्र के 2 जिलों के लिए सरकार ने मीटर रीडिंग, बिलिंग और एनर्जी अकाउंटिंग के लिए आईटी एप्लीकेशन को अपनाने के अलावा उप-संचरण और वितरण नेटवर्क के नवीकरण और उन्नयन के लिए आर-एपीडीआरपी भी शुरू किया। विधायक सज्जाद अहमद किचलू, सोफी यूसुफ और सुरिंदर कुमार चौधरी ने मुख्य प्रश्न पर पूरक प्रश्न उठाया।कैसर जमशेद लोन के एक अलग सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार ने पीएमडीपी के तहत उठाए जाने वाले 16 मेगावाट फगला एचईपी के लिए डीपीआर तैयार करने के लिए एक सलाहकार से संपर्क किया है। उन्होंने बताया कि 12.5 मेगावाट मंडी एसएचईपी आईपीपी मोड में निर्माणाधीन है, जबकि 10 मेगावाट के छोटे जल विद्युत (एसईपी) परियोजना के लिए डीपीआर तैयार किया गया है।उन्होंने बताया कि 2017-18 में कश्मीर प्रांत में 15,762 घरों में विद्युतीकरण किया गया जबकि 2016-17 में जम्मू प्रांत में 20,409 घरों में विद्युतीकरण किया गया था।