अब जब हिमाचल में सियासी तूफ़ान अपने चरम पर है. बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई है और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. कांग्रेस जहां नोटबंदी और जीएसटी जैसे मुद्दों के साथ चुनावी मैदान में है वहीँ बीजेपी क़ानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर कांग्रेस को घेर रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने पिछले हिमाचल दौरे पर कहा था की जिस प्रदेश का मुख्यमंत्री जमानत पर हो उस प्रदेश का क्या होगा. कुल मिलाकर दोनों पार्टियाँ एक-दुसरे पर आक्रामक हैं और गेंद अब जनता के पाले में है और 9 नवम्बर को जनता ये फैसला करेगी कि वो किसके आरोपों से कितनी सहमत है.सभी सर्वे हिमाचल में बीजेपी के सत्ता में आने का दवा कर रहे हैं, यदि ऐसा होता है तो इस बार पार्टी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर एक महिला को बैठा सकती हैं. यानी हिमाचल प्रदेश को पहली महिला मुख्यमंत्री मिल सकती है. जिसमे पालमपुर से बीजेपी उम्मीदवार इंदु गोस्वामी का नाम सबसे आगे है. जानकारों की मानें तो इंदु गोस्वामी वो चेहरा हैं जिस पर हिमाचल बीजेपी नेताओं की भी सहमति बन सकती है. इसके अलावा और भी कई समीकरण हैं जो इंदु गोस्वामी के लिए एकदम सटीक बैठते हैं. हम सिलसिलेवार तरीके से आपको बताते हैं कि आखिर क्यों मुख्यमंत्री पद के लिए इंदु गोस्वामी की दावेदारी दूसरों से ज्यादा मजबूत है.....
पार्टी की लम्बे समय से कर्मठ कार्यकर्ता
इंदु गोस्वामी का नाम हिमाचल बीजेपी के लिए नया नहीं है. जब सूबे में बीजेपी की सरकार थी तब वो महिला आयोग की अध्यक्षा थीं. इसके अलावा अब भी बीजेपी की महिला मोर्चा की अध्यक्षा हैं. सूबे की महिलाओं को आगे लाने के लिए वो लम्बे समय से संघर्षरत हैं. पिछले एक वर्ष में महिला मोर्चा की अध्यक्ष के रूप में उन्होंने तीन लाख से ज्यादा महिलाओं को पार्टी से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. ऐसे में उनके संघर्ष और दायित्व के प्रति समर्पण को ध्यान में रखते हुए पार्टी आलाकमान उन्हें मुख्यमंत्री पद पर विराजमान कर सकती है.
महिलाओं को राजनीति में आगे बढ़ाने का मोदी का संकल्प
प्रधानमंत्री मोदी राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की बात पहले भी कह चुके हैं. इतना ही नहीं जब टिकट आवंटन के लिए पार्टी के संसदीय बोर्ड की मीटिंग हुई थी खुद प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा उम्मीदवारों की सूची में महिलाओं की भागीदारी बढाने की बात कही थी. इसके अलावा प्रधानमंत्री और भी कई मंचों से महिलाओं को राजनीति में आगे आने की अपील कर चुके हैं. उन्होंने जब अपने केन्द्रीय मंत्रिमडल का विस्तार भी किया था तो रक्षा मंत्री जैसा अहम पद निर्मला सीतारमण को दिया था जिस से ये साफ़ हो गया था प्रधानमंत्री राजनीति में महिलाओं की क़ाबलियत को समझते हैं और खुद ये चाहते हैं कि महिलाएं आगे आयें और राजनीति में अपना योगदान दें.
हिमाचल में महिलाओं का अनुपात
हिमाचल प्रदेश में अगर महिलाओं के लिंगानुपात की बात करें तो आंकड़ा 50 फीसदी है. इतना ही नहीं कई ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं जहां महिलाओं की हिस्सेदारी 50 फीसदी से भी ज्यादा है. ऐसे में ये समीकरण इंदु गोस्वामी के लिए बिलकुल फिट बैठते हैं. अगर पार्टी उन्हें सीएम बनाती है तो प्रदेश की महिलाओं को ये सन्देश सीधे तौर पर जायेगा की बीजेपी राजनीति में महिलाओं को आगे लाने के लिए प्रतिबद्ध है और महिलाएं जो अबतक राजनीति में अलग - थलग जैसी स्थिति में हैं उन्हें लगेगा की बीजेपी ने एक महिला को प्रदेश का सीएम बनाया है तो वो उन्हें मुख्यधारा से जोड़ेंगी. इसका फायदा सीधे तौर पर बीजेपी को आगामी लोकसभा चुनावों में भी मिलेगा.
हिमाचल बीजेपी नेताओं के बीच स्वीकार्यता
इंदु गोस्वामी अपने मृदु स्वभाव के लिए लोगों के बीच खासी लोकप्रिय हैं. हमेशा चेहरे पर मुस्कान, लोगों के बीच जल्दी से घुल-मिल जाना उनकी सबसे बड़ी खासियत है. हिमाचल बीजेपी में भी वो अपनी इसी छवि के कारण मशहूर हैं, फिर चाहे वो नेता किसी भी गुट का हो. हालांकि मुख्यमंत्री पद के लिए प्रेम कुमार धूमल और जे.पी. नड्डा का नाम भी चल रहा है लेकिन उनमे से किसी एक नेता के नाम पर सहमति बन पाना मुश्किल लग रहा है. क्योंकि धूमल गुट नड्डा के नाम पर कभी भी अपनी सहमति नहीं देगा और ऐसा की कुछ प्रेम कुमार धूमल के साथ भी होगा. वहां भी नड्डा ग्रुप अपनी सहमति नहीं देगा. ऐसे में इंदु गोस्वामी एक ऐसी नेत्री हैं जो सबको स्वीकार्य होंगी.
इंदु का पालमपुर से चुनाव लड़ना
इंदु गोस्वामी पालमपुर से चुनाव लड़ रही हैं जो जिला कांगड़ा में है. इतिहास गवाह है जिस भी पार्टी ने सूबे में अपनी सरकार बनाई है उसके पीछे काँगड़ा का ही सबसे बड़ा योगदान रहा है. इस बात को यों भी समझ सकते हैं कि लगभग आधी सरकार तो जिला कांगड़ा से ही बन जाती है. प्रदेश में कई बार ये आवाज़ उठती रही है कि अगर कांगड़ा किसी भी सरकार को बनाने में सबसे अहम रोल अदा करता है तो फिर सूबे का मुख्यमंत्री भी वहीँ से होना चाहिए. ऐसे में बीजेपी अगर कांगड़ा से किसी को सी.एम् बनाती है तो पार्टी कांगड़ा जिले में अपनी पकड़ को और मजबूत कर लेगी. जिसका फायदा उन्हें आने वाले लोकसभा चुनाव में भी होगा.मुख्यमंत्री जो भी बनेगा इसका फैसला आलाकमान ही तय करेगा लेकिन समीकरण अभी इंदु के पक्ष में हैं. इतना ही नहीं पालमपुर के लोगों में भी ये चर्चा का विषय बना हुआ है. अब पालमपुर के लोगों में चर्चा आम है कि इंदु मुख्यमंत्री बन सकती है, हालांकि जब इंदु गोस्वामी से बात की गयी तो उनका कहना था कि वे पार्टी की वर्षों से कार्यकर्ता रही हैं और संगठन के निर्देश पर ही चुनाव लड़ रही हैं, और अभी विधानसभा चुनाव जितना ही उनका लक्ष्य है.