वन मंत्री एवं प्रदेश वन विकास निगम के अध्यक्ष ठाकुर सिंह भरमौरी ने कहा कि निगम ने विभिन्न डिपुओं के माध्यम से गत वर्ष 80 करोड़ रुपये के मुकाबले इस वर्ष अब तक 84.50 करोड़ रुपये का काष्ठ बिक्रय किया है। इसके अतिरिक्त, निगम की विभिन्न बिरोज़ा एवं तारपीन इकाइयों से गत वर्ष 24 करोड़ रुपये की तुलना में इस वर्ष अभी तक 34 करोड़ रुपये की आय अर्जित की गई है। श्री भरमौरी आज यहां वन विकास निगम के निदेशक मण्डल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे।श्री भरमौरी ने वन विकास निगम को लाभकारी उपक्रम बनाने के लिए वन विभाग के साथ बेहतर तालमेल से कार्य करने की अपील की। उन्होंने निगम से आय सृजन गतिविधियों को और प्रभावी तरीके से कार्यान्वित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निगम को ऐसी गतिविधियों को बंद करने की आवश्यकता है, जिससे निगम को आय प्राप्त नहीं हो रही है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि निगम ने विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से अपनी आय में गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष वृद्धि दर्ज की है। उन्होंने निगम के कर्मियों से इन प्रयासों को भविष्य में भी जारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने हिमकाष्ठ डिपो, शमशी के रिक्त पड़े स्थान को निगम को सौंपने पर सहमति प्रदान की। यह क्षेत्र वन विभाग के अधीन है।
बैठक मे निर्णय लिया गया कि निगम, कुल्लू स्थित शमशी फर्नीचर फैक्टरी में तैयार सामान को सरकार के विभिन्न विभागों को देने के लिए उनसे समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित करेगा, जिससे इस इकाई की बिक्री में भी बढ़ौतरी होगी और आय सृजन गतिविधियां भी बढ़ेंगी। वन मंत्री ने यहां तैयार किए जाने वाले सामान की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए ताकि फर्नीचर की मांग को बढ़ाया जा सके। इस मौके पर निजी फर्मों के माध्यम से कमीशन के आधार पर फर्नीचर बेचने पर भी विचार-विमर्श किया गया।इस अवसर पर, वन विकास निगम के उपाध्यक्ष श्री केवल सिंह पठानिया ने शमशी फर्नीचर फैक्टरी में एक मार्किटिंग एक्जीक्यूटिव तैनात करने तथा यहां तैयार सामान के व्यापक प्रचार के लिए प्रचार सामग्री तैयान करने का सुझाव दिया ताकि इसके विपणन की अधिक संभावनाएं तलाशी जा सकें। उन्होंने कहा कि बांस से निर्मित वस्तुओं की प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं। निगम बांस से निर्मित वस्तुओं को बढ़ावा देकर आय में आशातीत वृद्धि कर सकता है।निदेशक मण्डल ने निगम में करूणामूलक आधार पर नौकरी के लम्बित मामलों का निपटारा अपने स्तर पर करने पर सहमति प्रदान की। निदेशक मण्डल ने वन रक्षक के 25 पद, टिम्बर वाचर के 75 पद तथा लिपिकों के 25 पद सीधी भर्ती से भरने को भी स्वीकृति प्रदान की। प्रधान सचिव, वन श्री तरूण श्रीधर, विशेष सचिव, वित्त श्री के.आर. भारती, प्रधान मुख्य अरण्यपाल श्री के. आर. गुप्ता, प्रबन्ध निदेशक वन विकास निगम श्री जे. एस. वालिया के अतिरिक्त निदेशक मण्डल के गैर सरकारी सदस्य श्री अनंग पाल सिंह, श्री सुभाष चंद, श्री संजू राम ठाकुर, श्री सतीश कुमार, श्री सुरेन्द्र सिंह तथा वन विकास निगम के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।