भारत के हर हिस्से में हजारों छात्र अच्छे भविष्य के लिए विदेश में जाकर शिक्षा हासिल करने के लिए आईलेटस का टेस्ट देते हैं। यह टेस्ट बेशक अंग्रेजी भाषा के ज्ञान की परख के लिए होता है परंतु फिर भी यह टेस्ट विदेश जाने के इच्छुक छात्रों के सपने साकार करने के लिए पहली सीढ़ी माना जाता है। यकीनन आईलेटस में अच्छे अंक आने का मतलब है अच्छी युनिवर्सिटी व कालेज में आसानी से दाखिला मिलना। फिर चाहे छात्र ने आस्ट्रेलिय जाना हो व कनाडा। यह टेस्ट हर देश में छात्रों की अंगे्रजी योग्यता जानने के लिए लिया जाता है। इसके अलावा किसी ने पक्के तौर पर विदेश जाना हो तो भी आईलेटस में अच्छे बैंड लाना जरूरी माना जाता है। ऐसे हालातों में बेशक आईलेटस के अच्छे बैंड के लिए अच्छे कोचिंग सेंटर से ट्रेनिंग लेना भी जरूरी होता है।
आनलाइन आईलेटस की ट्रेनिंग देने वाली उत्तरीय भारत की बेहतरीन संस्था लिंगासाफ्ट के सीईओ गुरविन्द्र सिंह कंग ने जानकारी देते हुए बताया कि बेशक आईलेटस की तैयारी हर छोटे बड़े शहर में करवाई जाती है परंतु बेहद कम सेंटर हैं जहां ब्रिटिश काउंसिल व आईडीपी के टेस्ट का प्रबंध होता है और इन संस्थाओं द्वारा मंजूरशुदा होते हैं। अगर टेस्ट करवाने वाली संस्थाएं यानि ब्रिटिश काउंसिल व आईडीपी से कोई टे्रेनिंग लेकर तैयारी करवाता है तो छात्रों के अच्छे बैंड लेने के अवसर बढ़ जाते हैं। क्योंकि ट्रेंड टे्रनर को पता होता है कि इस टेस्ट में छात्रों की अंगे्रजी को किस तरह चैक किया जाता है और चैकर किस तरह के तरीके चाहते हैं।सीईओ गुरविन्द्र कंग ने बताया कि उनकी संस्था लिंगासाफ्ट एडुटैक प्रा लि जिसकाचंडीगढ़ के सेक्टर 34 व मोहाली के फेज 7 में कार्यालय हैं, के सभी ट्रेनर ब्रिटिश काउंसिल व आईडीपी से ट्रेनिंग प्राप्त कर चुके हैं। इसके साथ ही लिंगासाफ्ट छात्रों को तैयारी भी आसान तरीके से करवाता है तोकि छात्र अंग्रेजी भाषा को अपनी मात्र भाषा की तरह ही बोलने, लिखने व सुनने में कोई गलती न करते हुए अच्छे अंक लेकर पास हों। इस अवसर पर सीईओ कंग ने लिंगासाफ्ट के अक्तूबर माह में 7 से अधिक बैंड प्राप्त करने वाले छात्रों को समृति चिन्ह भी भेंट किए।